अधिकांश समय राजनीतिक दल योग्य उम्मीदवार को टिकट देने का दावा करते है लेकिन जब चुनाव आता है तो अपनी बात को भूलकर परिवार वाद पर आ जाते है। इस बार भी ऐसा ही रहा। आरक्षण से प्रभावित होने पर वार्ड किसी और के हाथ में न चला जाए इसलिए कभी पत्नी तो कभी पति मैदान में रहे। राजनीतिक दल से जुड़े नेताओं के परिवार को टिकट देने से किसी तरह का परहेज नहीं किया गया। पत्रिका ने दोनों दलों के उम्मीदवारों का आंकलन किया तो इस तरह के कई नाम सामने आए जिसमें परिवार का प्रतिनिधित्व लगातार जारी है।
वार्ड नंबर एक से इस बार कांग्रेस ने फिर से प्रीति अग्निहोत्री को मैदान में उतारा है।। अग्निहोत्री परिवार के राजा अग्निहोत्री यहां से पार्षद थे और बाद में भाई की पत्नी प्रीति ने मैदान पकड़ा। वे पिछली बार भी पार्षद थी।
- वार्ड दो कांग्रेस की ओर से यास्मीन मंसूरी मैदान मेें है। यहां उनके पति मुबारिक मंसूरी पहले पार्षद थे और फिर पत्नी को मैदान में उतार दिया।
- वार्ड 4 से दोनों दलों ने परिवार के लोगों को उतारा। यहां से पार्षद रहे गोपाल मालू के दिवंगत होने के बाद भाजपा ने बहू बरखा को मैदान में उतारा। कांग्रेस ने विधायक के नजदीकी तपन की पत्नी वंदना शुक्ला को मैदान में उतारा हैै।
- वार्ड 5 से भाजपा के निरंजनसिंह चौहान उम्मीदवार है। वार्ड आरक्षित होने पर यहां से उनकी पत्नी सपना चौहान पार्षद बनी और एमआइसी में भी रही। इस बार खुद निरंजनसिंह मैदान में है।
- वार्ड 7 से भी दोनों मुख्य दल परिवार वाद के हवाले है। यहां से भाजपा ने पिछले पार्षद मनोज मिश्रा की पत्नी भावना तो कांग्रेस ने पूर्व पार्षद रहे अनिल शुक्ला की बेटी साक्षी को मैदान में उतारा है।
- वार्ड 8 को आरक्षित होने पर कांग्रेस ने पुराने पार्षद अनवर दस्तक की पत्नी रुखसाना दस्तक को ही टिकट दे दिया।
- वार्ड 10 से फिर विनितिका यादव मैैदान में है। उनके ससुर रामलाल यादव क्षेत्र के विधायक रहे जबकि पति दीपू भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके है। वार्ड 17 में कांग्रेस ने शिवम यादव को उतारा है। शिवम के पिता केके यादव यहां पार्षद रह चुके है।
- वार्ड 20 में कांग्रेस का टिकट पटेल परिवार में ही घूम रहा है। यहां से पहले हरिशंकर पटेल पार्षद रहे। उनके परिवार के एनएसयूआइ अध्यक्ष अमित पटेल टिकट मांग रहे थे। वार्ड आरक्षित हुआ तो अइमत की पत्नी यश्स्वी पटेल को टिकट दे दिया।
- वार्ड 44 से रुपेश देवलिया भाजपा के पार्षद थे। वार्ड आरक्षित हुआ तो उनकी पत्नी निशा देवलिया उम्मीदवार बनी। वे पहले भी पार्षद रह चुकी है।
- वार्ड 53 से कांग्रेस नेता शेख अलीम पार्षद रहे है। बाद में उनकी पत्नी फौजिया अलीम यहां से पार्षद बनी और इस बार भी वे ही उम्मीदवार है।
- वार्ड 56 में पिछली बार भाजपा की नंदाबाई गवाड़े पार्षद बनी थी। इस बार पार्टी ने स्वाति काशिद को टिकट देकर वापस ले लिया। बाद में नंदाबाई के बेटे गजानंद गावड़े को ही मैैदान में उतार दिया।
- वार्ड 58 में कांग्रेस के अनवर कादरी उम्मीदवार है। पहले अनवर कादरी पार्षद बने, पिछली बार उनकी पत्नी जुलेखा चुनाव जीती थी और इस बार फिर अनवर ही मैदान में है।
- वार्ड 60 से कांग्रेस ने सुनेहरा अंसारी को मैदान में उतारा है। पहले सुनहरा के पति अनसाफ मैदान मेें थे, आरक्षक के बाद पत्नी चुनाव लड़ रही है।
- वार्ड 68 का कांग्रेस टिकट बेग परिवार में ही घूम रहा है। पहले अयाज फिर उनकी पत्नी समरीन बेग और अब फिर अयाज ही मैदान में है। वार्ड 69 से कांग्रेस नेता मधुसूदन भलिका सक्रिय थे, आरक्षण के बाद उनकी पत्नी शिखा भलिका को टिकट दिया गया।
- वार्ड 81 मेें भाजपा नेता बबलू शर्मा उम्मीदवार है। पहले यहां से उनकी पत्नी स्वाति पार्षद बनकर एमआइसी सदस्य भी बनी थी। वार्ड 83 में कमल लड्ढा मैदान में है। पहले उनके परिवार की लता लड्ढा यहां से पार्षद थी।
- वार्ड दो कांग्रेस की ओर से यास्मीन मंसूरी मैदान मेें है। यहां उनके पति मुबारिक मंसूरी पहले पार्षद थे और फिर पत्नी को मैदान में उतार दिया।
- वार्ड 4 से दोनों दलों ने परिवार के लोगों को उतारा। यहां से पार्षद रहे गोपाल मालू के दिवंगत होने के बाद भाजपा ने बहू बरखा को मैदान में उतारा। कांग्रेस ने विधायक के नजदीकी तपन की पत्नी वंदना शुक्ला को मैदान में उतारा हैै।
- वार्ड 5 से भाजपा के निरंजनसिंह चौहान उम्मीदवार है। वार्ड आरक्षित होने पर यहां से उनकी पत्नी सपना चौहान पार्षद बनी और एमआइसी में भी रही। इस बार खुद निरंजनसिंह मैदान में है।
- वार्ड 7 से भी दोनों मुख्य दल परिवार वाद के हवाले है। यहां से भाजपा ने पिछले पार्षद मनोज मिश्रा की पत्नी भावना तो कांग्रेस ने पूर्व पार्षद रहे अनिल शुक्ला की बेटी साक्षी को मैदान में उतारा है।
- वार्ड 8 को आरक्षित होने पर कांग्रेस ने पुराने पार्षद अनवर दस्तक की पत्नी रुखसाना दस्तक को ही टिकट दे दिया।
- वार्ड 10 से फिर विनितिका यादव मैैदान में है। उनके ससुर रामलाल यादव क्षेत्र के विधायक रहे जबकि पति दीपू भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके है। वार्ड 17 में कांग्रेस ने शिवम यादव को उतारा है। शिवम के पिता केके यादव यहां पार्षद रह चुके है।
- वार्ड 20 में कांग्रेस का टिकट पटेल परिवार में ही घूम रहा है। यहां से पहले हरिशंकर पटेल पार्षद रहे। उनके परिवार के एनएसयूआइ अध्यक्ष अमित पटेल टिकट मांग रहे थे। वार्ड आरक्षित हुआ तो अइमत की पत्नी यश्स्वी पटेल को टिकट दे दिया।
- वार्ड 44 से रुपेश देवलिया भाजपा के पार्षद थे। वार्ड आरक्षित हुआ तो उनकी पत्नी निशा देवलिया उम्मीदवार बनी। वे पहले भी पार्षद रह चुकी है।
- वार्ड 53 से कांग्रेस नेता शेख अलीम पार्षद रहे है। बाद में उनकी पत्नी फौजिया अलीम यहां से पार्षद बनी और इस बार भी वे ही उम्मीदवार है।
- वार्ड 56 में पिछली बार भाजपा की नंदाबाई गवाड़े पार्षद बनी थी। इस बार पार्टी ने स्वाति काशिद को टिकट देकर वापस ले लिया। बाद में नंदाबाई के बेटे गजानंद गावड़े को ही मैैदान में उतार दिया।
- वार्ड 58 में कांग्रेस के अनवर कादरी उम्मीदवार है। पहले अनवर कादरी पार्षद बने, पिछली बार उनकी पत्नी जुलेखा चुनाव जीती थी और इस बार फिर अनवर ही मैदान में है।
- वार्ड 60 से कांग्रेस ने सुनेहरा अंसारी को मैदान में उतारा है। पहले सुनहरा के पति अनसाफ मैदान मेें थे, आरक्षक के बाद पत्नी चुनाव लड़ रही है।
- वार्ड 68 का कांग्रेस टिकट बेग परिवार में ही घूम रहा है। पहले अयाज फिर उनकी पत्नी समरीन बेग और अब फिर अयाज ही मैदान में है। वार्ड 69 से कांग्रेस नेता मधुसूदन भलिका सक्रिय थे, आरक्षण के बाद उनकी पत्नी शिखा भलिका को टिकट दिया गया।
- वार्ड 81 मेें भाजपा नेता बबलू शर्मा उम्मीदवार है। पहले यहां से उनकी पत्नी स्वाति पार्षद बनकर एमआइसी सदस्य भी बनी थी। वार्ड 83 में कमल लड्ढा मैदान में है। पहले उनके परिवार की लता लड्ढा यहां से पार्षद थी।