कलेक्टर मनीषसिंह का कहना है कि इंदौर में मिलावट के खिलाफ डेढ़ साल तक अभियान चलाया गया जिसका काफी असर दिखा। ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में भी इंदौर के नंबर वन बनने से खानपान में इंदौर की ब्राडिंग होगी. अब बाहर के निवेशक भी यहां व्यवसाय में निवेश के लिए आकर्षित होंगे।
स्ट्रीट फूड के लिए इंदौर पहले से ही मशहूर है. यहां गली—गली में मिलनेवाले पोहा की बात ही कुछ और है. खजराना बाजार में मिलनेवाली साबूदाने की खिचडी भी अपने स्वाद के लिए देशभर में जानी जाती है. हब प्रमाणीकरण में इंदौर के छप्पन दुकान और सराफा बाजार को क्लीन स्ट्रीट फूड हब का प्रमाण-पत्र मिला है। खजराना गणेश मंदिर को भी प्रसाद को लेकर सेफ भोग का प्रमाण-पत्र मिला है।
यहां रियूज कूकिंग आइल यानि रुको अभियान चलाया जिसके तहत 123 होटल, रेस्त्रां आदि से जला या उपयोग किया गया तेल इकट्ठा किया गया था। करीब 95 हजार किलोग्राम जला तेल एकत्रित कर बायो डीजल निर्माता कंपनी को पहुंचाया गया।
इंदौर में खाद्य कारोबारियों व निर्माताओं के लाइसेंस व पंजीयन पर भी खासा ध्यान दिया गया। एक अगस्त 2020 को इंदौर जिले में 17534 कारोबारियों व दुकानदारों के खाद्य सुरक्षा लाइसेंस व पंजीयन थे. 31 दिसंबर 2021 को इंदौर में करीब 37 हजार कारोबारियों व दुकानदारों के खाद्य सुरक्षा लाइसेंस व पंजीयन हो चुके थे।