14 साल की उम्र में टॉकीज से शुरू की थी नौकरी
ब्रजभूषण चतुर्वेदी ने 14 वर्ष की उम्र में शहर के ज्योति टॉकीज में एक कीपर की नौकरी करते हुए सिनेमा में लेखन की शुरुआत की। साल 1947 से 1951 तक हॉकर भी रहे और लाइब्रेरी बॉय का काम करने के दौरान ही फिल्मी किताबें पढऩे से लेकर ही फिल्म देखने का जुनून सवार होने लगा।
साल 1952 में भारत के अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह की झलक देखने के बाद ब्रजभूषण उसके कायल हो गए.उन्होंने 1952 से ही भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में भाग लेना शुरू कर दिया। यह उत्सव मुंबई में हुआ था। ब्रजभूषण चतुर्वेदी की उम्र आज तकरीबन 83 वर्ष है और इस साल के अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में शामिल होने के लिए वे गोवा गए हैं। यह फेस्टिवल 20 से 28 नवंबर तक चलेगा। यह 52वां अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल है।
हर फेस्टिवल में दिखाई जाती हैं दो सौ से छह सौ फिल्में
ब्रजभूषण चतुर्वेदी ने कहा साल 1952 से 1976 तक केवल 5 से 6 फेस्टिवल ही हो पाए थे लेकिन इसके बाद यानी 1976 से लगातार फिल्म फेस्टिवल आयोजित हो रहे हैं। ब्रजभूषण हर फेस्टिवल का हिस्सा रहे हैं। देखा जाए तो शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसने सभी फिल्म फेस्टिवल अटैंड किए हों। ब्रजभूषण चतुर्वेदी इसमें शामिल होकर फिल्मों की समीक्षा करते हैं फेस्टिवल में 200 से 600 तक फिल्में दिखाई जाती हैं।
कई विधाओं में पारंगत
ब्रजभूषण चतुर्वेदी लेखक, पत्रकार और फिल्म समीक्षक हैं। उन्हें जर्नलिज्म कैटेगरी में दादा साहेब फालके का अवार्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा अब तक 2 हजार से भी ज्यादा फिल्मों की समीक्षा कर चुके हैं और लगभग 50 हजार फिल्में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में देख चुके हैं।
वर्ष 1976 से लेकर 2004 तक मुंबई, कोलकाता, बेंगलूरु, दिल्ली व हैदराबाद में अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल हो चुका है लेकिन पिछले 17 साल से यह गोवा में आयोजित किया जा रहा है। ब्रजभूषण कहते हैं पहले यहां करीब 23 देशों की फिल्में दिखाई जाती थी लेकिन अब इसमें 80 से 90 देशों की फिल्में दिखाई जाती हैं। यहां विश्व की हर भाषा की शानदार फिल्मों को देखने का आनंद मुझे हर साल मिलता है। इसके अलावा पहले यह फेस्टिवल केवल 15 दिनों का, फिर 12 और अब 9 दिन का होता है।