एडवोकेट मनीष यादव ने बताया, अक्टूबर 2008 में आरोपी महिला धीरप बाई के पति रामलाल की लाश मिली थी। पुलिस ने इस केस में धीरप बाई सहित सज्जन सिंह, ईश्वर सिंह, प्रेम सिंह, तूफान सिंह और मान सिंह को उनकी हत्या का आरोपी मान कर केस दर्ज किया था। रामलाल की हत्या के कुछ दिनों बाद उसके शव का कंकाल सज्जन सिंह की जमीन से मिला था। हत्या का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था और परिस्थिति जन्य साक्ष्यों के आधार पर सजा सुनाई गई है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर और सत्येंद्र कुमा सिंह की कोट में पिछले दिनों अपील पर अंतिम बहस हुई थी और बुधवार को फैसला सुनाया गया है। निचली अदालत द्वारा दिए गए अर्थदंड की राशि भी अपीलकर्ताओं को वापस लौटाने के आदेश दिए गए है।