शहर में नजर आया मानवता को शर्मसार करने का मामला
एक्सीडेंट में घायलों की किसी ने नहीं की मदद
एक वकील आगे आए लेकिन नहीं बचा पाए जान
6 साल के बेटे के साथ सडक़ पर तड़पते रहे पिता, लोग वीडियो बनाते रहे, वकील के हाथ पर तोड़ा दम
इंदौर. शहर में आए दिन किसी की रोड दुर्घटना में जान चले जाने की खबर आती है, लेकिन इसके बाद भी रोड पर तड़प रहे घायलों की मदद करने कोई व्यति सामने नहीं आता। डबल चौकी क्षेत्र पर एेसा ही एक मामला सामने आया है। इसमें आयशर की टक्कर से घायल पिता-पुत्र का लोग मोबाइल से वीडियो बनाते रहे, फोटो लेते रहे। इस दृश्य को देख मार्ग से गुजर रहे वकील रुके और घायलों को निजी वाहन से हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, लेकिन समय पर डॉक्टर के नहीं मिलने व लोगों में जागरूकता की कमी से मासूम और उनके पिता को बचाया नहीं जा सका।
एमवायएच चौकी से जांच अधिकारी जगन्नाथ गुर्जर ने बताया कि गोविंद (30) पिता जगदीश निवासी गांधी कॉलोनी, बागली देवास व उनके बेटे रोहन (6) का डबल चौकी के समीप एक्सीडेंट हुआ था। घटना के बाद दोनों को उपचार के लिए एमवाय हॉस्पिटल लाया गया। बच्चे की रास्ते में मौत हो गई थी। वहीं गंभीर घायल गोविंद की बुधवार सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। घटनास्थल पर पड़ी उनकी बाइक नंबर से मृतक के परिजन से संपर्क किया। परिवार ने बताया कि गोविंद ओमेक्स सिटी में काम करता था। वह बाइक से बेटे के साथ बागली स्थित घर आ रहा था। तभी रास्ते में आयशर वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी।
दु:खी होकर बोले : लोग मानवता दिखाते तो बच जाती दोनों की जान इस दर्दनाक हादसे में मासूम की मौत हो जाने पर मदद के लिए आगे आए वकील राकेश पालीवाल ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने पत्रिका को आंखों देखी बताई। उन्होंने बताया कि वे दिन में बागली कोर्ट के लिए निकले। डबल चौकी क्षेत्र के मार्ग पर उन्होंने देखा कि बाइक सवार पिता-पुत्र खून से लथपथ तड़प रहे हैं। लोग मदद के बजाए मोबाइल से फोटो-वीडियो बना रहे हैं। यह देख वे आगे आए और उन्होंने घायलों के शरीर से निकल रहे खून को रोकने के लिए लोगों से गमछा मांगा।
एंबुलेंस से एमवायएच पहुंचे इसके बाद वे घायल पिता-पुत्र को अपनी कार से इंडेक्स हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। हॉस्पिटल में न्यूरो सर्जन नहीं मिलने से मासूम का उपचार नहीं हो सका। इसके बावजूद वकील पिता-पुत्र के साथ एंबुलेंस से एमवाय हॉस्पिटल पहुंचे। यहां घायलों के नाम पते नहीं होने पर इलाज नहीं हुआ। यह दृश्य देख उन्होंने सीएमओ से मुलाकात कर उनसे त्वरित उपचार कराने की बात कही। बाद में उन्हें पता चला कि बच्चे की जान चली गई है। घटना से दुखी वकील कहने लगे, यदि घटना के तुरंत बाद कोई मदद करता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी।