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नेताओं को सताया आचार संहिता का डर, समितियों से रावण के ‘राम’ हुए गायब

locationइंदौरPublished: Oct 17, 2018 04:38:01 pm

आचार संहिता का डर इस बार शहर में जलने वाले (दशानन) रावण पर भी दिख रहा है।

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नेताओं को सताया आचार संहिता का डर, समितियों से रावण के ‘राम’ हुए गायब

नितेश पाल @ इंदौर. आचार संहिता का डर इस बार शहर में जलने वाले (दशानन) रावण पर भी दिख रहा है। हर साल बुराई रुपी रावण को जलाने में राम की भूमिका में रहने वाले नेता इस बार रावण से दूर हो गए हैं। कई नेताओं ने रावण दहन समिति से अपने नाम वापस ले लिए हैं। इन समितियों में नेतागिरी से दूर रहने वाले समर्थकों को नेताओं ने इस बार राम की भूमिका में रखा है।
दशहरा मैदान : दशहरा महोत्सव समिति

समिति में दीपक जोशी (पिंटू) व सुरजीतसिंह चड्ढा शामिल रहते हैं। हर बार रावण दहन करने के लिए आने वाली रामयात्रा की जिम्मेदारी इन्हीं के पास रहती है, लेकिन इस बार जोशी जहां तीन नंबर से दावेदारी जता रहे हैं, वहीं चड्ढ़ा चार नंबर विधानसभा से दावेदार हैं। इन दोनों ही नेताओं ने इस बार रावण दहन कार्यक्रम से अपना नाम वापस ले लिया है। इस बार समिति में पूर्व पार्षद कमला सलवाडिय़ा के बेटे अनिल सलवाडिय़ा को ही पूरी कमान सौंप दी गई है।
– समिति के कर्ताधर्ता सलवाडिय़ा ही थे। हम रामरथ यात्रा निकालते थे, लेकिन व्यस्त होने के कारण इस बार इसकी व्यवस्थाओं को नहीं देख पाऊंगा।- पिंटू जोशी
चिमनबाग मैदान : दशहरा उत्सव समिति

दहन की जिम्मेदारी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव अनिल यादव के हाथों में होती है, लेकिन इस बार यादव ने कागजी तौर पर खुद को समिति से दूर कर लिया है। यादव भी इसके पीछे की वजह अपनी व्यस्तताओं को बता रहे हैं। उन्होंने इस बार रावण दहन की पूरी जिम्मेदारी अपने भाई और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष कन्हैयालाल यादव के पुत्र अभिभाषक अरविंद यादव को सौंप दी है। अब अरविंद रावण दहन की तैयारी में जुटे हैं।
व्यस्तता ज्यादा होने के कारण इसमें पूरी तरह से सक्रियता नहीं है। वैसे भी बड़े भाई ही समिति का पूरा काम देखते हैं, वे ही पूरा काम देख रहे हैं।- अनिल यादव
विजयनगर : रावण दहन उत्सव समिति

समिति में भाजपा पार्षद मुन्नालाल यादव ही सर्वेसर्वा होने के साथ पूरी व्यवस्था संभालते रहे हैं। भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के मार्गदर्शन में होने वाले इस आयोजन में यादव के साथ ही पार्षद पति भरत देशमुख और यादव के पुत्र अंकित यादव भी पूरा मैंनेजमेंट देखते आ रहे थे। इस बार प्रकाश खेतान को सर्वेसर्वा बनाया गया है। खेतान और उनकी टीम ही इसमें प्रमुख रूप से शामिल होगी। टीम इसकी तैयारियों में भी लग गई है।
आचार संहिता में हम पार्टी का प्रचार नहीं कर सकते। नए लोगों को भी जिम्मेदारी देना जरूरी है, इसलिए खेतान को जिम्मेदारी सौंपी गई है। – मुन्नालाल यादव
यहां बदलाव नहीं
छावनी : एकता आयोजन समिति
समिति में पूर्व पार्षद किशोर मीणा और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जगमोहन वर्मा शामिल हैं। वर्मा ही इसकी अगुवाई करते रहे हैं। आचार संहिता में जहां बाकी नेताओं ने अपने हाथ खींच लिए हैं, वहीं वर्मा अभी भी इसमें सक्रिय तौर पर शिरकत कर रहे हैं।
आयोजन तो हो रहा है, नए लोगों को जिम्मेदारी देना जरूरी है, इसलिए खेतान को जिम्मेदारी दी है। – जगमोहन वर्मा

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