दरअसल, सामूहिक हिंसा दंड न्याय पद्धति की किताब जिसे साल 2019 में बेन किया जा चुका है। उस किताब से छात्रों को धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ाया जाने का आरोप लगाया गया है। मामले को लेकर कॉलेज के छात्र और एबीवीपी संगठन द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था।
जानिए मामला
आपको बता दे कि, सरकारी लॉ कॉलेज में एलएलएम थर्ड सेमेस्टर की पढ़ाई में सामूहिक हिंसा पद्धति की बुक में हिंदू विरोधी लेख लिखे जाने से एबीवीपी छात्रों ने नाराजगी जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। इसके साथ ही एबीवीपी ने कॉलेज की गेस्ट फैकल्टी पर आरोप लगाया कि, वो यहां छात्राओं को मुस्लिम छात्रों के साथ पब, रेस्टोरेंट में जाने का दबाव बनाते हैं। ऐसा न करने वाले छात्रों के नंबर तक काटकर फेल तक किया जा रहा है। इसे लेकर एबीवीपी द्वारा लगातार कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। विरोध के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने 6 शिक्षकों के खिलाफ जांच के आदेश दिए। साथ ही, 6 प्राध्यापकों को 5 दिन कॉलेज न आने को कहा गया है।
एबीवीपी के छात्रों का आरोप है कि, कॉलेज में लव जिहाद तो एक विषय है ही इसके अलावा भी कई अन्य विषय हैं। हमें एलएलएम सेकंड सेमेस्टर की एक किताब मिली, जिसमें हिंदू विरोधी बातें लिखी गई हैं। कल ज्ञापन दिया था, जिसमें 17 सूत्रीय मांगे हैं। हिंदू विरोधी जो हरकतें कॉलेज में हो रही है। मुस्लिम प्रोफेसर द्वारा जो हरकत की जा रही है। हिंदू छात्रों को बहला-फुसलाकर कैफे पब और रेस्टोरेंट ले जाने की बातें सामने आई हैं।
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