आग लगने के बाद यह तथ्य सामने आया कि होटल के पास फायर एनओसी नहीं थी, बिल्डिंग के नक्शे में भी लापरवाही की बात सामने आई है। सेमी कमर्शियल के नक्शे पर होटल बना दी गई लेकिन जिम्मेदारों ने इस मामल में भी कभी कोई कार्रवाई नहीं की। फायर एनओसी की मामले में भी सारी व्यवस्था भोपाल की और डाली जा रही है।
कार्रवाई से बचते है विभाग
फायर उपकरण को लेकर विभागों के अपने जिम्मेदारी से बचते हुए कार्रवाई नहीं करना एक मुख्य कारण है। वर्ष 2010 तक हाई राइज बिल्डिगों के मामले में फायर ब्रिगेड के अफसरों को जांच के बाद फायर एनओसी देना होती थी। हाई राइज कमेटी के सामने प्रस्ताव रखा जाता था लेकिन बाद में सारे अधिकार नगरीय प्रशासन विभाग के पास पहुंच गए। हालांकि इसके पहले भी किसी भवन पर न पुलिस, न फायर ब्रिगेड और न ही नगर निगम ने किसी तरह की कार्रवाई की। सूरत हादसे के बाद नगर निगम ने सर्वे के बाद कोचिंग संस्थानों को सील करने की कार्रवाई शुरू की थी लेकिन बाद में वह भी राजनीतिक दबाव में बंद हो गई।
फायर उपकरण को लेकर विभागों के अपने जिम्मेदारी से बचते हुए कार्रवाई नहीं करना एक मुख्य कारण है। वर्ष 2010 तक हाई राइज बिल्डिगों के मामले में फायर ब्रिगेड के अफसरों को जांच के बाद फायर एनओसी देना होती थी। हाई राइज कमेटी के सामने प्रस्ताव रखा जाता था लेकिन बाद में सारे अधिकार नगरीय प्रशासन विभाग के पास पहुंच गए। हालांकि इसके पहले भी किसी भवन पर न पुलिस, न फायर ब्रिगेड और न ही नगर निगम ने किसी तरह की कार्रवाई की। सूरत हादसे के बाद नगर निगम ने सर्वे के बाद कोचिंग संस्थानों को सील करने की कार्रवाई शुरू की थी लेकिन बाद में वह भी राजनीतिक दबाव में बंद हो गई।
नगर नियम आयुक्त को लिखा है कार्रवाई के लिए
फायर एनओसी अभी तक भोपाल नगरीय प्रशासन संचालनलय तक जारी होती है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान है। विभाग के चीफ इंजीनियर आईएस बघेल के मुताबिक, जिन बिल्डिगों में आम लोगों का आना जाना रहता है वहां फायर उपकरण लगाना अनिवार्य है। ऐसी बिल्डिगों में मॉल, हॉस्पिटल, होटल, स्कूल आदि भवन शामिल है। फायर एक्ट लागू होने को है लेकिन इसके पहले सभी नगर निगम आयुक्त व सीएमओ को निर्देश दिए जा चुके है कि जिन भवन में फायर उपकरण जरुरी है उनका सर्वे कराकर सूची तैयार करें और फिर इस आधार पर उन्हें व्यवस्था के आदेश जारी करें, सभी को पहले ही पत्र भेजे जा चुके है। व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी इन अफसरों की है। फायर एक्ट लागू होने के बाद सभी के अधिकार और बढ़ जाएंगे।
फायर एनओसी अभी तक भोपाल नगरीय प्रशासन संचालनलय तक जारी होती है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान है। विभाग के चीफ इंजीनियर आईएस बघेल के मुताबिक, जिन बिल्डिगों में आम लोगों का आना जाना रहता है वहां फायर उपकरण लगाना अनिवार्य है। ऐसी बिल्डिगों में मॉल, हॉस्पिटल, होटल, स्कूल आदि भवन शामिल है। फायर एक्ट लागू होने को है लेकिन इसके पहले सभी नगर निगम आयुक्त व सीएमओ को निर्देश दिए जा चुके है कि जिन भवन में फायर उपकरण जरुरी है उनका सर्वे कराकर सूची तैयार करें और फिर इस आधार पर उन्हें व्यवस्था के आदेश जारी करें, सभी को पहले ही पत्र भेजे जा चुके है। व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी इन अफसरों की है। फायर एक्ट लागू होने के बाद सभी के अधिकार और बढ़ जाएंगे।
फायर एक्ट में है भवन सील करने का प्रावधान, लॉ डिपार्टमेेंट को भेजा
होटल गोल्डन गेट में लगी आग ने फायर एक्ट की कमी को सामने लाया है। फायर एक्ट नहीं होने से बहुमंजिला भवनों में फायर उपकरण की अनिवार्यता पर सख्ती नहीं हो पाती है। हालांकि नगरीय प्रशासन विभाग के अफसरों का कहना है कि केंद्र सरकार ने फायर एक्ट को मंजूरी दे दी है जिसके बाद इसे लॉ डिपार्टमेंट को भेजा गया है। मंत्री भी मंजूरी दे चुके है। लॉ डिपार्टमेंट से आने के बाद सीनियर सेकैट्रीज को भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद प्रदेश केबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। करीब 3 महीने में फायर एक्ट लागू होने की पूरी संभावना है। फायर एक्ट में नगर निगम आयुक्तों को कार्रवाई का अधिकार रहेगा। जिस बिल्डिंग में फायर उपकरण नहीं लगे है उन्हें सील करने का प्रावधान इसमें शामिल किया हैै।
होटल गोल्डन गेट में लगी आग ने फायर एक्ट की कमी को सामने लाया है। फायर एक्ट नहीं होने से बहुमंजिला भवनों में फायर उपकरण की अनिवार्यता पर सख्ती नहीं हो पाती है। हालांकि नगरीय प्रशासन विभाग के अफसरों का कहना है कि केंद्र सरकार ने फायर एक्ट को मंजूरी दे दी है जिसके बाद इसे लॉ डिपार्टमेंट को भेजा गया है। मंत्री भी मंजूरी दे चुके है। लॉ डिपार्टमेंट से आने के बाद सीनियर सेकैट्रीज को भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद प्रदेश केबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। करीब 3 महीने में फायर एक्ट लागू होने की पूरी संभावना है। फायर एक्ट में नगर निगम आयुक्तों को कार्रवाई का अधिकार रहेगा। जिस बिल्डिंग में फायर उपकरण नहीं लगे है उन्हें सील करने का प्रावधान इसमें शामिल किया हैै।
शहर में 5 फायर स्टेशन, अछूते पूर्वी क्षेत्र में है बड़े स्टेशन की मां
आग में फायर ब्रिगेड के समय को लेकर भी सवाल उठते रहते है। शहर के पूर्वी इलाके में कहीं भी आग लगे तो हमेशा गाडिय़ां देरी से पहुंचने का आरोप लगते है। शहर में इस समय 5 फायर स्टेशन गांंधी हाल, मोतीतबेला, लक्ष्मीबाई स्टेशन, जीएनटी मार्केट व सांवेर रोड पर है। चूंकि पूर्वी इलाके में ज्यादा परेशानी रहती है, मांगलिया में पेट्रोल डिपो भी है इसलिए फायर ब्रिगेड़ की मांग विजयनगर से मांगलिया के बीच एक बड़े स्टेशन की रहती है। कुछ समय पहले तक फायर ब्रिगेड़ में पदस्थ रहे डीएसपी उमाकांत चौधरी के मुताबिक, 2 साल पहले तीन नए फायर स्टेशन खोलने की मांग भेजी जा चुकी है। सुपर कॉरिडोर व खंवा रोड पर भी फायर स्टेशन खोलने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
आग में फायर ब्रिगेड के समय को लेकर भी सवाल उठते रहते है। शहर के पूर्वी इलाके में कहीं भी आग लगे तो हमेशा गाडिय़ां देरी से पहुंचने का आरोप लगते है। शहर में इस समय 5 फायर स्टेशन गांंधी हाल, मोतीतबेला, लक्ष्मीबाई स्टेशन, जीएनटी मार्केट व सांवेर रोड पर है। चूंकि पूर्वी इलाके में ज्यादा परेशानी रहती है, मांगलिया में पेट्रोल डिपो भी है इसलिए फायर ब्रिगेड़ की मांग विजयनगर से मांगलिया के बीच एक बड़े स्टेशन की रहती है। कुछ समय पहले तक फायर ब्रिगेड़ में पदस्थ रहे डीएसपी उमाकांत चौधरी के मुताबिक, 2 साल पहले तीन नए फायर स्टेशन खोलने की मांग भेजी जा चुकी है। सुपर कॉरिडोर व खंवा रोड पर भी फायर स्टेशन खोलने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
होटल संचालक ने करोड़ों के नुकसान का आंकलन किया, केस दर्ज
होटल गोल्डन गेट के मालिक चंद्रशेखर सिंह ने मंगलवार दोपहर विजयनगर थाने पहुंचकर आगजनी का केस दर्ज कराया। टीआई तहजीब काजी के मुताबिक, सिंह ने रिपोर्ट में बताया कि जब वे होटल में पहुंचे तो तलघर में धुआं धुआं भरा था। लाइटं बंद करने के बाद फायर उपकरण से आग बुझाने में सफल नहीं हुए तो फायर ब्रिगेड़ को सूचना दी। 20 मिनट बाद दमकलें पहुंची, काफी प्रयास किए लेकिन जल्द आग नहीं बुझा पाए। आग में 6-7 करोड़ के नुकसान का आंकलन है। अभी बीमा होने की बात भी सामने नहीं आई है ।
होटल गोल्डन गेट के मालिक चंद्रशेखर सिंह ने मंगलवार दोपहर विजयनगर थाने पहुंचकर आगजनी का केस दर्ज कराया। टीआई तहजीब काजी के मुताबिक, सिंह ने रिपोर्ट में बताया कि जब वे होटल में पहुंचे तो तलघर में धुआं धुआं भरा था। लाइटं बंद करने के बाद फायर उपकरण से आग बुझाने में सफल नहीं हुए तो फायर ब्रिगेड़ को सूचना दी। 20 मिनट बाद दमकलें पहुंची, काफी प्रयास किए लेकिन जल्द आग नहीं बुझा पाए। आग में 6-7 करोड़ के नुकसान का आंकलन है। अभी बीमा होने की बात भी सामने नहीं आई है ।