कल शाम करीब 7.30 बजे इंदौर-जम्मूतवी एक्सप्रेस का मेंटनेंस किया जा रहा था। पिटलाइन में रोशनी और कोच उपकरण जांचने के लिए लगी केबल लाइन में तेज आवाज से साथ विस्फोट हुआ और आग लगी। हादसा कोच 6 के नीचे हुआ। पास में ही दर्जनभर से अधिक मैकेनिक काम कर रहे थे। दरअसल जहां विस्फोट हुआ, वहां केबल कटी हुई थी। घटना की जानकारी लगते ही सीडीओ मौके पर पहुंचे।
दर्जनभर कर्मी हो जाते आग के हवाले जिस समय विस्फोट हुआ पास में ही दर्जनभर कर्मचारी काम कर रहे थे। हादसे के बाद अगर कोई कर्मचारी पानी से आग बुझाने की कोशिश करता या फिर पूरी केबल में आग लग जाती तो यहां मौजूद सभी कर्मचारी हादसे का शिकार हो जाते।
बिजली विभाग पर खड़े हुए सवाल इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ी लापरवाही बिजली विभाग की सामने आ रही है। करीब साल भर पहले ही इस पिटलाइन को तैयार किया गया। उस समय नई केबल लाइन डाली गई थी। एक वर्ष में ही केबल में गड़बड़ी सामने आना, गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहा है।
रेलकर्मियों ने पहले ही किया था आगाह बता दें कि पिटलाइन के निचले हिस्से में फैली विद्युत केबल लाइन में कई जगह पर कट लगे हुए थे, तो कई जगह केबल खुली पड़ी है। इसलिए यहां हमेशा हादसे का खतरा बना रहता है। इस संबंध में यहां काम करने वाले कर्मचारियों ने काफी पहले मंडल को आगाह कर दिया था।
तत्काल हटाई ट्रेन विस्फोट के बाद इंदौर-जम्मू एक्सप्रेस ट्रेन को यहां से हटाकर ६ नंबर पिट लाइन पर भेजा, ताकि आग फैलने से रैक को बचाया जा सके। यह सामान्य घटना यह सामान्य घटना है। जिस विद्युत केबल लाइन में शार्ट सर्किट हुआ है, वह पिट लाइन में काफी नीचे होती है।
आरएन सुनकर, डीआरएम रतलाम मंडल
आरएन सुनकर, डीआरएम रतलाम मंडल