स्टोर विभाग के अफसरों के मुताबिक 45 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। दोपहर साढ़े बारह बजे लोगों ने धुआं उठते देखा। तब तक स्टोर रूम के कागजों ने आग पकड़ ली। आखिरकार दीवार तोडऩे के बाद दमकल पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू हुआ।
1995 के केसों का रिकॉर्ड
यहां 1995 से लेकर आज तक के सैकड़ों प्रकरणों की फैसला हो चुकी फाइलें रखी थीं। इनमें जिला कोर्ट, हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से संबंधित दस्तावेज थे। विधि विभाग के गोविंद कौशल ने बताया, रिकॉर्ड डिस्पोज मामलों का था, लेकिन अपील होने पर इनकी आवश्यकता पड़ सकती है।
फायर सेफ्टी नहीं
निगम के किसी भी विभाग में फायर सेफ्टी की व्यवस्था नहीं है। अफसरों का तर्क है कि नियमानुसार इस तरह की बिल्डिंग के लिए उपकरणों की अनिवार्यता नहीं होती है। यदि स्टोर में फायर सेफ्टी के साधन होते तो आग इतना नहीं फैलती और फाइल व ब्लीचिंग पाउडर को बचाया जा सकता था। सवाल है, शहर के भवनों को आग से सुरक्षा दिलाने वाले निगम में ही आग बुझाने के संसाधन मौजूद नहीं हैं। यदि आग गोदाम में रखे गैस सिलींडर तक पहुंच जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
निगमायुक्त आशीष सिंह ने बताया, प्रारंभिक कारण शार्ट सर्किट से लगने का सामने आया है। आग बुझाने में हुई देरी और साधन उपलब्ध नहीं होने के कारणों की जांच कराई जा रही है।