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– प्रदेश सरकार की लेतलाली में अटकी फूड टेस्टिंग लैब, आवंटित जमीन पर बन गया सुलभ शौचालय

locationइंदौरPublished: Jul 30, 2018 10:57:11 pm

– हर माह शहर से भोपाल भेजे जाते हैं खाद्य सामग्री के 100 से अधिक सैंपल
 

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– प्रदेश सरकार की लेतलाली में अटकी फूड टेस्टिंग लैब, आवंटित जमीन पर बन गया सुलभ शौचालय

– जनवरी 2016 में आवंटित की गई थई 40 हजार वर्ग फीट जगह, निगम ने बनाय दिया सुलभ शौचालय

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हाई कोर्ट में दिए यह जवाब केंद्र सरकार को भेजा है प्रस्ताव, हरी झंडी मिलने पर शुरू करेंगे काम : प्रदेश सरकार मप्र सरकार का फूड टेस्टिंग लैब से जुड़ा कोई प्रस्ताव पेंडिंग नहीं है : केंद्र सरकार
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विकास मिश्रा, इंदौर
खान-पीने और उसके स्वाद के मामले में इंदौर की ख्याति देश ही नहीं विदेशों में भी है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि यहां मिलने वाले खाद्य पदार्थों की शुद्धता जांचने के लिए शहर में फूड टेस्टिंग लैब नहीं है। वर्षों से यहां पर फूड टेस्टिंस लैब शुरू करने की मांग की जा रही है। प्रदेश सरकार के जिम्मेदारों की लेतलाली के चलते यहां फूड टेस्टिंग लैब नहीं बन पा रही है। खास बात यह है कि केंद्र सरकार की सख्ती के चलते जनवरी 2016 में लैब के लिए तलावली चादां में करीब 40 हजार वर्ग फीट जमीन आवंटित कर दी गई थी, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं होने पर नगर निगम ने उसके कुछ हिस्से पर सुलभ शौचालय बना दिया है। लैब के प्रति प्रदेश सरकार की अगंभीरता हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में भी साफ दिखाई दी है। कोर्ट द्वारा दिए गए नोटिस पर प्रदेश सरकार ने लिखित जवाब दिया कि उन्होंने केंद्र सरकार को लैब के लिए प्रस्ताव भेज दिया है, लेकिन वहां से हरी झंडी नहीं मिली है इसलिए काम शुरू नहीं हो सका है। प्रदेश सरकार के इस जवाब पर आपत्ति जताते केंद्र सरकार ने अतिरिक्त जवाब पेश किया है और कहा है मप्र सरकार का फूड टेस्टिंग लैब को लेकर कोई भी प्रस्ताव हमारे पास पेंडिंग नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिए गए जवाब की पुष्टि याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट विनय झेलावत ने की है।
एक महीने में आती है रिपोर्ट
फिलहाल मध्यप्रदेश में सिर्फ एक फूड टेस्टिंग लैब है जो भोपाल में संचालित हो रही है। किसी भी जिले में खाद्य विभाग की कार्रवाई के बाद जब्त सैंपल की जांच के लिए भोपाल ही भेजा जाता है। इसकी रिपोर्ट आने में कम से कम एक महीने का समय लगता है। जनहित याचिका दायर करने वाले महेश गर्ग का कहना है सैंपल की रिपोर्ट जब तक आती है तब तक दुकानदार खाद्य सामग्री बेच चुका होता है। दूध और उससे बने उत्पादों में मिलावट की सबसे अधिक शिकायतें मिलती है। रिपोर्ट आने तक वह सामग्रीन बिक चुकी होती है और जनता को दूषित सामग्रीन खाना पड़ रही है।
हर जिले में हो लैब
एडवोकेट प्रत्युष मिश्रा ने बताया हमने जनहित याचिका के माध्यम से मांग की है कि प्रदेश के हर जिले में फूड टेस्टिंग लैब होना चाहिए ताकि आम जनता को शुद्ध खाद्य सामग्री मिल सके। प्रारंभिक रूप में कम से कम हर संभाग में तो लैब बनाई जाना ही चाहिए। हमने मांग की है कि स्थाई लैब के अलाव मोबाइल लैब की सुविधा भी मिले। ऐसी सुविधा की जाना चाहिए की जो भी सैंपल खाद्य विभाग जब्त करे उसकी रिपोर्ट चार दिन में सामने आए ताकी मिलावट खोरों पर सख्त कार्रवाई की जा सकी। इंदौर से हर माह 100 से अधिक खाद्य सामग्री के सैंपल भोपाल भेजे जाते हैं।
प्रमुख सचिव से कोर्ट ने मांगा जवाब
जनहित याचिका पर राज्य सरकार के जवाब पर केंद्र सरकार द्वारा आपत्ति लेने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने प्रदेश के पब्लिक हेल्थ एंड फैमेली वेल्फेयर डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव से शपथ पत्र पर जानकारी मांगी है कि वास्तव में फूड टेस्टिस लैंब को लेकर क्या स्टेटस है। अगले महीने के पहले पखवाड़े में जनहित याचिका पर सुनवाई होगी।
50 लाख का हिसाब नहीं दिया सरकार ने
मिश्रा के मुताबिक केंद्र सरकार द्वार हाई कोर्ट में पेश किए गए जवाब के मुताबिक मप्र में भोपाल, इंदौर और उज्जैन में फूड टेस्टिंग लैब है। 2006 से इंदौर और उज्जैन की लैब बंद हो चुकी है। तीनों लैब को अपडेट करने के लिए केंद्र सराकर ने प्रस्ताव मांगे थे। भोपाल द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर 50 लाख रुपए दिए जा चुके हैं, लेकिन उसका हिसाब नहीं देने से आगे का अनुदान रोक दिया गया है। तीनों लैब के लिए कुल 12 करोड़ की राशि आवंटित है।
तलावली चांदा में फूड टेस्टिंग लैब के लिए 40 हजार वर्ग फीट जमीन आवंटित है। स्वच्छता अभियान के तहत वहां पर सुलभ शौचालय बना दिया गया था। लैब के भवन का निर्माण शुरू होने पर उसे हटा दिया जाएगा। लैब की बाउंड्री वाल के लिए 12 लाख 50 हजार रुपए आवंटित हुए थे, उससे तीन तरफ की दीवार बना दी गई है, लगभग 70 प्रतिशत काम हो चुका है। करीब दो करोड़ की लागत से भवन तैयार होगा और करीब तीन करोड़ के उपकरण लगाना प्रस्तावित है।
मनीष स्वामी, मुख्य सुरक्षा अधिकारी
खाद्य और औषधी, प्रशासन
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