कांग्रेस के लिए कांग्रेसियों को ही देने होंगे 3000 रुपए
इंदौरPublished: Nov 11, 2022 01:30:38 am
कुर्सी टूटी या दरी फटी तो काट लिए जाएंगे पैसे


कांग्रेस के लिए कांग्रेसियों को ही देने होंगे 3000 रुपए
इंदौर. एक ओर शहर में कांग्रेस सिमटती जा रही है, वहीं दूसरी ओर शहर कांग्रेस ने कांग्रेस मुख्यालय के लिए ही नया नियम बना दिया है। नए नियम के मुताबिक, अब कांग्रेसियों को ही कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम के लिए 3 हजार रुपए देने होंगे।
शहर कांग्रेस कार्यालय ने गांधीभवन की दूसरी मंजिल पर बने हॉल के लिए कांग्रेस के विभागों, मोर्चा, प्रकोष्ठों के लिए फीस तय कर दी है। इसके तहत विभाग, प्रकोष्ठ या संगठन के लोग बैठक या अन्य आयोजन करते हैं तो उसके लिए उन्हें शहर कांग्रेस के कार्यालय मंत्री के पास यह राशि जमा करानी होगी। इसमें से 1 हजार रुपए पार्टी के खाते में, एक हजार रुपए माइक और स्पीकर का खर्च और एक हजार रुपए कुर्सी, दरी आदि की सुरक्षा निधि के तौर पर जमा कराने होंगे। इनमें से एक हजार रुपए वापस होंगे, लेकिन यदि कुर्सी टूटती है या दरी फटती है तो उसके पैसे काट लिए जाएंगे।
शहर कांग्रेस का प्रतिमाह खर्च डेढ़ लाख
शुक्रवार को भारत जोड़ो यात्रा के लिए कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग की संभाग स्तरीय बैठक गांधी भवन में है। इंदौर संभाग में अनुसूचित जाति वर्ग के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और राहुल गांधी डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली पर जाएंगे। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को इकट्ठा करने की रणनीति के लिए ये बैठक बुलाई गई है। इसमें संभाग के साथ उज्जैन और आगर-मालवा के नेताओं को भी बुलाया गया है। इंदौर-उज्जैन संभाग में जहां से यात्रा गुजर रही है, उनमें से आधा दर्जन से ज्यादा विधानसभा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। इसके चलते विभाग की बैठक काफी अहम बताई जा रही है। इस अहम बैठक के लिए भी शहर कांग्रेस ने पैसे जमा करवाए हैं। कांग्रेस नेताओं को बताया गया है कि शहर कांग्रेस का हर माह का खर्च डेढ़ लाख रुपए है, इसलिए यह राशि ली जा रही है।
चंदा कर की भोजन की व्यवस्था
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में होने वाली बैठक में भोजन की व्यवस्था प्रदेश कांग्रेस कार्यालय द्वारा की जाती है, लेकिन इंदौर में होने वाली इस बैठक में बाहर से आने वाले कार्यकर्ताओं के भोजन की व्यवस्था करने से भी शहर कांग्रेस ने इनकार कर दिया है। इसके बाद विभाग के नेताओं ने भोजन के लिए आपस में चंदाकर 40 हजार रुपए जुटाए हैं।
कांग्रेस खुद किरायेदार
जिस हॉल का किराया शहर कांग्रेस ले रही है, उसका मालिकाना हक भी शहर कांग्रेस के पास नहीं है। शहर कांग्रेस खुद गांधी भवन ट्रस्ट की किरायेदार है और इसका किराया ट्रस्ट को देती है।
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हम केवल साफ-सफाई के लिए पैसा जमा करवाते हैं, वह भी कार्यक्रम खत्म होने के बाद लौटा देते हैं।
- विनय बाकलीवाल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष