उन्होंने कहा कि दोहरीकरण का कार्य पूरा होने के बाद अजमेर -अहमदाबाद के बीच ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी और क्रॉसिंग के लिए अनावश्यक रूप से रोका नहीं जाएगा। एक दिवसीय अजमेर दौरे पर आए सिंघल ने पत्रकारों को बताया कि रेलवे स्टेशन से पिट लाइन मदार स्टेशन पर शिफ्ट करने की योजना है।
मदार कोङ्क्षचग डिपो बन जाने के बाद स्टेशन का विस्तार होगा और नए प्लेटफार्म बनेंगे। अजमेर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का दबाव कम करने के लिए शीघ्र ही कुछ ट्रेन का संचालन मदार स्टेशन से किया जाने लगेगा।
वाटर री-साइक्लिंग प्लांट का उद्घाटन सिंघल ने अजमेर रेलवे स्टेशन पर वाटर री-साइक्लिंग प्लांट का उद्घाटन किया। इसकी क्षमता चार लाख लीटर प्रतिदिन है। इस पर लगभग 1 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इस प्लांट से प्रति वर्ष 20 लाख 22 हजार रुपए की बचत होगी।
मौजूदा समय में अजमेर स्टेशन पर लगभग 7.5 लाख लीटर गंदा पानी प्रतिदिन विभिन्न नालियों से आता है। वाटर री-साइक्लिंग प्लांट से इस पानी को कोच वाशिंग, प्लेटफार्म की धुलाई व एप्रिन धुलाई के काम में लिया जाएगा। इससे गिरते भूजल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी।
मदार में वाशिंग लाइन का उद्घाटन सिंघल ने मदार रेलवे स्टेशन पर मदार कोच केयर कॉम्प्लेक्स के तहत दो नई वाश्ंिाग लाइन का उद्घाटन किया। मदार स्टेशन पर इस योजना के तहत तीन पिट लाइन बनाई जा रही है।
यह लाइन 26 कोच क्षमता और 635 मीटर लंबाई की है। एक सिक लाइन का विस्तार किया जा रहा है। इससे कोच होल्डिंग बढ़ कर लगभग 500 हो जाएगी। इस योजना के तहत एक ऑटोमेटिक कोच वाङ्क्षशग प्लांट भी लगाया जा रहा है।
कोच रखरखाव के लिए 50 मीटर चौड़ाई और 150 मीटर लंबाई की सिक लाइन बनाई जा रही है। इस योजना पर लगभग 62 करोड़ रुपए खर्च होगा। इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक पुनीत चावला, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर वीरेन्द्र कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।