जानकारी के अनुसार सिमरोल पुलिस ने तीन दिन पहले रसकुंडिया निवासी पदम भाभर की शिकायत पर चोरल रेंजर रविकांत जैन, नाकेदार जगदीश मंडलोई और चन्द्रकान्त चौहान के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट में एफआइआर दर्ज की है। एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ वन विभाग का अमला एकजुट होकर इस कार्रवाई का जमकर विरोध कर रहा है।
कल वन विभाग के अधिकारी फिर सिमरोल थाने पहुंचे। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर वन अमले ने अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ थाने पर दो दिन पहले आवेदन दिया था, लेकिन सिमरोल पुलिस ने अब तक प्रकरण दर्ज नहीं किया। कल अमला भी इस संबंध में पहुंचा था, लेकिन उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा। जबकि सिमरोल पुलिस ने राजनैतिक दबाव में वन अधिकारियों पर बगैर जांच पड़ताल के सीधे एफआईआर दर्ज कर दी है। वन अमला भी शासकीय कार्य में बाधा सहित अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज करना चाहता है, लेकिन पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है। रेंजर जैन का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारी आज इस मामले में आईजी से चर्चा करेेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दबाव में गलत एफआईआर दर्ज की है।