राजनीति में कहा जाता है कि चमत्कार को ही नमस्कार किया जाता है। ऐसा ही जादू अब पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत भी दिखा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विधायक पद से इस्तीफा देकर राज्यवर्धन दत्तीगांव कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। अब उपचुनाव में भाजपा की ओर से वही प्रत्याशी होंगे।
ये बात शेखावत को हजम नहीं हो रही। उन्होंने शुरुआत में ही नाराजगी जाहिर कर दी थी, जो आज भी बरकरार है। उसका आलम ये है कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन को लेकर भी उन्होंने खरी-खरी सुनाई। शेखावत के तेवर अभी भी तीखे ही हैं। १९ अगस्त को उनका जन्मदिन है और वे उसे बदनावर में मनाने जा रहे हैं। सुबह ११ बजे से दौरा रखा है।
सादलपुर से शुरुआत होगी। ४ बजे के करीब वे बदनावर चौपाटी पहुंचेंगे। यहां से बस स्टैंड होते हुए सभी प्रमुख चौराहों पर उनका स्वागत रखा गया है। समापन ६.३० बजे धर्मराज व्यायामशाला पर रखा गया है। इस दौरे ने दत्तीगांव तो ठीक भाजपा के चुनाव प्रभारी कृष्णमुरारी मोघे और संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा की भी नींद उड़ा दी है। पार्टी को अंदेशा है कि शेखावत कोई नया धमका ना कर दें।
ये भी है चिंता का विषय गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव की कमान खुद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ संभाल रहे हैं। एक-एक सीट पर उनकी नजर है। निजी सर्वे भी करा रहे हैं। जहां पर भाजपा का पूर्व प्रत्याशी उन्हें मजबूत नजर आ रहा है, उनसे संपर्क करने का भी प्रयास किया जा रहा है। गत सप्ताह शेखावत से मुलाकात करने विधायक जीतू पटवारी पहुंचे थे।
बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बात हुई। संभावना ये भी जताई जा रही है कि नाथ ने ही पटवारी को रणनीति के तहत भेजा था। शेखावत की नाराजगी का कांग्रेस पूरा फायदा उठाना चाहती है। मुलाकात के बाद ही जन्मदिन पर दौरा कार्यक्रम की रणनीति बनाई गई।