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ललित कला संस्थान को सहेजने के लिए जुटे पूर्व स्टूडेंट्स

locationइंदौरPublished: Dec 09, 2019 06:18:11 pm

Indore News : ललित कला संस्थान के पूर्व स्टूडेंट्स ने जर्जर इमारत के साए में बनाए स्केच

ललित कला संस्थान को सहेजने के लिए जुटे पूर्व स्टूडेंट्स

ललित कला संस्थान को सहेजने के लिए जुटे पूर्व स्टूडेंट्स

इंदौर. शहर के कलाकारों की संस्था आर्ट एन हार्ट ने रविवार दोपहर शासकीय ललित कला संस्थान की जर्जर इमारत के सामने आर्ट कैंप का आयोजन किया। इस आर्ट कैंप में संस्थान के पूर्व विद्यार्थियों ने पुरानी यादें ताजा करते हुए इमारत के स्केच बनाए। सभी का कहना था कि इसे रिनोवेट करना चाहिए। संस्थान के 1968 से 73 बैच के स्टूडेंट रहे शंकर शिंदे ने किसी भूले बिसरे शेर को याद करते हुए कहा, कभी यह हमारा चमन था जो अब उजाड़ सहरा (रेगिस्तान) हो गया है। यहां पर धूल भरी इमारत, टूटे कवेलुओं की छत और बरमादों में पड़े कबाड़ के बीच चित्र रचे जा रहे थे। शंकर शिंदे के क्लासमेट रमेश खेर और हरेंद्र शाह ने कहा, यह संस्थान ऐतिहासिक है। डीडी देवलालीकर ने इसकी स्थापना की थी। एमएफ हुसैन, एनएस बेंद्रे और डीजे जोशी जैसे महान कलाकार यहां से पढक़र निकले हैं। इस इमारत को सहेजना चाहिए। इन तीनों कलाकारों ने अपने दौर के कॉलेज की छवि के स्केच बनाए।
आर्ट एन हार्ट के संयोजक प्रदीप और मंशा कनिक ने कहा, इसी इसी संस्थान में 1981 से 83 के दौरान हमारी मुलाकात हुई। प्रेम हुआ और फिर हम हमेशा के लिए जीवन साथी बन गए। प्रदीप ने अपने स्केच में पुराना क्लासरूम बनाया और कॉलेज में लगी हुसैन की पेंटिंग भी दिखाई जो उन्हें बहुत प्रिय है। कनिक ने कहा, उस वक्त श्रेणिक जैन प्रिंसिपल थे और उन्हें जब भी समय मिलता पेंटिंग करने लगते। उनसे मैंने हमेशा काम करते रहने की प्रेरणा ली। कैंप में आए सबसे सीनियर कलाकार चंद्रशेखर शर्मा 1960 से 65 के बीच यहां पढ़े। उन्होंने पेस्टल कलर्स से उस दौर की बिल्डिंग को दिखाया। वीजी भावे ने इमारत की मेहराबों, बरामदों की खूबसूरत ड्रॉइंग बनाई। इन दोनों कलाकारों का यह कहना है कि पुरानी छत्रियों का रिनोवेशन हो सकता है तो इस इमारत का क्यों नहीं। इस इमारत की नींव बहुत मजबूत है।
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क्ले में कॉलेज की इमारत को रचा

मूर्तिकार अजय पुन्यासी ने क्ले में कॉलेज की इमारत को रचा। किशोर कोचे मुंबई में फिल्मों में आर्ट डायरेक्शन करते हैं। उनका भी कहना था कि इस इमारत को सहेजा जाना चाहिए।
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जानबूझ कर खराब किया जा रहा है

अमिता पांचाल ने अपने कॉलेज के चार-पांच स्केच बनाए। सूरज रजक और आशीष कर्णिक ने कहा, इस बिल्डिंग के पिलर भी मजबूत हैं। केवल दूसरी मंजिल की छत खराब हुई है, जिसे ठीक किया जा सकता है। इसे जानबूझ कर खराब किया जा रहा है, ताकि किसी दिन गिरा दिया जाए।

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