रात में जमकर हुई बारिश के कारण शहर के निचले हिस्से के मोहल्लों में गलियों में डेढ़ फीट के करीब पानी भरा गया। निसरपुर सहित आसपास के इलाकों में नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से 8.9 मीटर ऊपर दर्ज किया गया है। इस कारण बड़वानी और चिखल्दा-धार में लगने वाला राजघाट पुल डूबने की कगार पर पहुंच गया है। वहीं निसरपुर स्थित उरी-बाघनी नदी पर बना पुल भी डूब गया है। नए पुल से यातायात शुरू नहीं होने के कारण 12 गांवों से संपर्क टूट गया है। बीते 24 घंटे में जिले में 385.8 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा बारिश धार शहर में 80.3 यानी तीन इंच करीब बारिश रिकॉर्ड की गई है। भारी बारिश के अलर्ट के चलते डूब क्षेत्रों में एसडीआरएफ की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।
बांधों का लेवल बढ़ा
वही जलससाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री बी एल निनामा ने बताया सरदारपुर में स्थित कालीकराय डेम का लेवल अभी 468.95 मीटर है। लगातार बारिश के कारण पानी बढ़ता ही जा रहा है। इस डेम के गेटों को 474.30 मीटर होने पर खोला जाता है। साथ ही माही डेम में पानी का लेवल 444.02 मीटर है। जिसे 451 मीटर होने पर खोला जाएगा। धार में पूरी रात बारिश हुई है। इस मौमस में पहली मर्तबा मायापुरी कॉलोनी में करीब डेढ़ फीट तक पानी भर गया। हालांकि नगर पालिका की तरफ से जल निकासी की व्यवस्था होने के कारण मोटर चालू करवाई गई। इससे पानी उतर गया। बारिश के चलते बिजली आपूर्ति रातभर प्रभावित रही। इस कारण लोगों को काफी परेशान होना पड़ा। मंगलवार रात और बुधवार को हुई बारिश से फसलों को फायदा होगा। वहीं आने वाले दिन के लिए भी तालाब भरने से आगे की फसलो की नींव बंधी है। वैज्ञानिक जीएस गठिये ने बताया कि किसानों को सतर्क रहना होगा।
वही जलससाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री बी एल निनामा ने बताया सरदारपुर में स्थित कालीकराय डेम का लेवल अभी 468.95 मीटर है। लगातार बारिश के कारण पानी बढ़ता ही जा रहा है। इस डेम के गेटों को 474.30 मीटर होने पर खोला जाता है। साथ ही माही डेम में पानी का लेवल 444.02 मीटर है। जिसे 451 मीटर होने पर खोला जाएगा। धार में पूरी रात बारिश हुई है। इस मौमस में पहली मर्तबा मायापुरी कॉलोनी में करीब डेढ़ फीट तक पानी भर गया। हालांकि नगर पालिका की तरफ से जल निकासी की व्यवस्था होने के कारण मोटर चालू करवाई गई। इससे पानी उतर गया। बारिश के चलते बिजली आपूर्ति रातभर प्रभावित रही। इस कारण लोगों को काफी परेशान होना पड़ा। मंगलवार रात और बुधवार को हुई बारिश से फसलों को फायदा होगा। वहीं आने वाले दिन के लिए भी तालाब भरने से आगे की फसलो की नींव बंधी है। वैज्ञानिक जीएस गठिये ने बताया कि किसानों को सतर्क रहना होगा।
व फसलों में कीटों का प्रभाव देखना होगा। अगर फसलों में कुछ बीमारी आती है तो किसानों को कीटनाशक दवाइयों का उपयोग करना होगा। वही अभी दो-चार दिन मौसम ऐसा ही बना रहेगा।