धार का स्थापना दिवस 23 जनवरी को मनाने का विरोध
राज्य शासन के आदेश पर नगर पालिका में बैठक आयोजित कर 5 सदस्यों की समिति बनाई गई और इस बैठक में 23 जनवरी को राजा भोज के नाम पर धार नगर का गौरव दिवस मनाने पर सहमति बनी थी। तथ्यों को ध्यान में रखते हुए धार नगर के प्रबुद्धजनों ने बैठक में वसंत पंचमी पर गौरव दिवस मनाने की बात कही थी। जिस पर सभी की सहमति भी बनी परंतु बैठक के बीच में ही अपर कलेक्टर एस श्रीवास्तव ने फोन पर नगर पालिका सीएमओ को तिथि के आधार पर गौरव दिवस नहीं मनाने की बात कही और कहा कि एक तारीख निश्चित कर तारीख के अनुसार गौरव दिवस मनाना तय
इंदौर
Updated: February 17, 2022 11:54:55 am
धार। राज्य शासन के आदेश पर नगर पालिका में बैठक आयोजित कर 5 सदस्यों की समिति बनाई गई और इस बैठक में 23 जनवरी को राजा भोज के नाम पर धार नगर का गौरव दिवस मनाने पर सहमति बनी थी।
धार नगर में राजा भोज का एक अलग ही इतिहास रहा है जो देश में ही नहीं विदेशों में भी अपनी अलग पहचान रखता है। राजा भोज ने धार नगर में भोजशाला का निर्माण करवा कर मां वाग्देवी सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की। जहां संस्कृत पाठशाला हुआ करती थी। जहां देश-विदेश से शिक्षार्थी संस्कृत का ज्ञानार्जन करने आते थे। वसंत पंचमी पर ही राजा भोज ने वाग्देवी मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर धार नगर का शासन प्रारंभ किया था इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए धार नगर के प्रबुद्धजनों ने बैठक में वसंत पंचमी पर गौरव दिवस मनाने की बात कही थी। जिस पर सभी की सहमति भी बनी परंतु बैठक के बीच में ही अपर कलेक्टर एस श्रीवास्तव ने फोन पर नगर पालिका सीएमओ को तिथि के आधार पर गौरव दिवस नहीं मनाने की बात कही और कहा कि एक तारीख निश्चित कर तारीख के अनुसार गौरव दिवस मनाना तय किया जाए ।
जिसके विरोध में खुले तौर पर भोज उत्सव समिति एवं धर्म जागरण विभाग सामने आया है। प्रशासन को तारीख के अनुसार गौरव दिवस नहीं मनाने की चेतावनी भी दी है। इसी को लेकर धर्म जागरण विभाग संयोजक एव वरिष्ठ सत्याग्रही गोपाल शर्मा ने बताया कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि स्थानीय शासन विभाग व मध्य प्रदेश शासन धार नगर का स्थापना दिवस मनाने जा रहा है । यह कार्य नगर पालिका धार के माध्यम से होना है। धार नगर की स्थापना की तिथि वसंत पंचमी है। इस बात के ऐतिहासिक प्रमाण हैं कि राजा भोज ने वसंत पंचमी के दिन भोजशाला की स्थापना कर के धार का शासन आरम्भ किया था। धार का हिंदू समाज इस उत्सव को दशकों से उत्साह के साथ मना रहा है। प्रशासन चाहता है कि इसकी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार तारीख निकाली जाए। इसके अभाव में इसे 23 जनवरी को जब धार में भोज की प्रतिमा लगी उस दिन मनाया जाए। यह निर्णय सरासर गलत और हिन्दू समाज की मान्यता के विरूद्ध है। 23 जनवरी का धार नगर की स्थापना से कोई सरोकार नहीं है। हम अपने सभी पर्व होली, दिवाली पर्व तक तिथि से मनाते हैं तो स्थापना दिवस तिथि से मनाने में क्या समस्या है। अगर स्थापना दिवस को हिंदू पंचाग से न मना कर मनमाने तरीके से मनाया गया और हिन्दू मान्यता और भावनाओं का अपमान किया गया तो भोज उत्सव समिति और धार का हिंदू समाज इसका हर स्तर पर विरोध करेगा।
यदि धार स्थापना दिवस 23 जनवरी को मनाया जाता है तो जिले के हर ब्लॉक स्तर पर विरोध किया जाएगा। धार का स्थापना दिवस लाखों भोज भक्तों की मान्यता से मनाया जाए न कि चंद लोगों की समिति की मनमानी के आधार पर।

धार का स्थापना दिवस 23 जनवरी को मनाने का विरोध
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