सीईटी नहीं हो पाने के कारण इस बार कैप (कॉमन एडमिशन प्रोसिजर) से दाखिले दिए जा रहे हैं। इसमें शैक्षणिक योग्यता के साथ दसवीं और बारहवीं के अंकों को भी आधार बनाकर मेरिट तैयार की गई। सभी कोर्स की 2300 से ज्यादा सीटों में से पहले चरण के बाद करीब 1150 सीटें खाली रह गई थीं। सामान्य श्रेणी में सबसे कम कटऑफ एमबीए इन रूरल मैनेजमेंट का रहा। इसमें 71.7 फीसदी अंक लाने वालों तक को मौका मिला। जबकि सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा बीकॉम ऑनर्स के लिए रही। इसका कटऑफ 91.59 फीसदी रहा है। एमबीए मैनेजमेंट साइंस में 89.7, एमबीए ई-कॉमर्स में 88.38, बीए एलएलबी में 88.28, एमटेक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डाटा साइंस) में 85.8 और एमबीए फाइनेंशियल एडमिनिस्ट्रेशन में 83.09 फीसदी कटऑफ रहा। प्रोफेसर डॉ. चंदन गुप्ता ने बताया, पहले चरण की काउंसलिंग के बाद खाली सीटों के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग कराई जा रही है। इसमें भी मेरिट के आधार पर ही आवंटन होंगे।
छह नवंबर तक जमा करानी होगी फीस तीनों ग्रुप के सभी कोर्स में सीटें रिक्त हैं। ग्रुप ए की 675 सीट के लिए विवि को 2466, ग्रुप बी की 272 सीट के लिए 1323 और ग्रुप सी की 205 सीट के लिए 328 आवेदन मिले हैं। 30 अक्टूबर को आवंटन पाने वालों को 1 नवंबर तक ही सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करना होंगे। इनका सत्यापन विभागों में 2 से 5 नवंबर के बीच कराया जाएगा। फीस जमा करने के लिए 6 नवंबर तक का समय मिलेगा।