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प्लॉटों की धोखाधड़ी करने वाले सवा साल बाद भी गिरफ्त से बाहर

locationइंदौरPublished: Jan 22, 2021 06:42:25 pm

रेरा न्यायालय के आदेशों का भी नहीं किया पालन

प्लॉटों की धोखाधड़ी करने वाले सवा साल बाद भी गिरफ्त से बाहर

प्लॉटों की धोखाधड़ी करने वाले सवा साल बाद भी गिरफ्त से बाहर

इंदौर. शहर एवं आसपास के इलाकों में सात टाउनशिप में प्लॉट देने के नाम पर करोड़ों रुपए एकत्र कर धोखाधड़ी करने का मामला हाई कोर्ट पहुंचा है। करीब सवा साल पहले धोखाधड़ी करने के आरोपियों के खिलाफ तेजाजी नगर थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी, लेकिन अब भी तीन में से दो आरोपी पुलिस गिरफ्तर से बाहर हैं।
एक आरोपी को कुछ महीने पहले चले माफिया अभियान में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन खराब स्वास्थ का हवाला देकर वह भी जेल से बाहर आ गया है। अब दो आरोपियों की गिरफ्तारी सहित जमानत पर रिहा आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सभी सात कॉलोनियों के रहवासी संघ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर भी रहवासी संघ ने सवाल उठाए हैं। अगले सप्ताह रहवासी संघ की याचिका पर सुनवाई होगी।
यह पूरा मामला वात्सल्य बिल्डर्स प्रा.लिमिटेड से जुड़ा है। कपंनी के डायरेक्टर मानवेंद्र मजुमदार, प्रफुल्ल गाडगे, अफसर नवाब बेग पर आरोप है कि उन्हें 2010 से 2018 के बीच शहर एवं आसपास अलग-अलग हिस्सों में सात कॉलोनियां के नाम पर करीब २५०० प्लॉट बेच लोगों से करोड़ों रुपए लिए हैं। खंडवा रोड, राऊ और बायपास पर प्रेस्टीज -1, प्रेस्टीज-2, प्रेस्टीज-3, प्रेस्टीज-4, प्रेस्टीज -5 एंव शिवरेसीडेंसी-1 एवं शिव रेसीडेंसी -2 नाम से कटी कॉलोनियों में लोगों को प्लाट बेचे। इतना समय बीतने के बाद भी अधिकांश लोगों को कब्जे नहीं दिए गए और न ही कॉलोनियों में कोई डेलपलमेंट किया है। लम्बे संघर्ष के बाद भी जमीन नहीं मिलने पर पीडि़त लोगों ने तेजाजी नगर में डायेरक्टर सहित अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
500 करोड़ के घोटाले का आरोप
एडवोकेट विनय सोनी ने बताया, पिछले दिनों सभी सात कॉलोनियों के पीडि़तों ने मिलकर रहवासी संघ बनाया है। मानवेंद्र मजुमदार, प्रफुल्ल गाडगे, अफ़सर नवाब बेग के खिलाफ करीब ५०० करोड़ की धोखाधड़ी का केस तेजाजी नगर थाने में अक्टूबर 2019 में दर्ज किया गया था। लेकिन सवा साल बीतने के बाद भी पुलिस सिर्फ मानवेंद्र को पकड़ सकी है, उसे भी हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। गाडग़े और बेग तो अब भी फरार है।

पुलिस पुणे में तलाश रहीं गाडगे को
संघ की सदस्य रेवती राठौर ने बताया आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर हमने डीआइजी सहित शहर के जन प्रतिनिधियों को भी शिकायत की है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। हाल ही में तेजाजी नगर थाना पुलिस ने बताया है कि प्रफुल्ल गाडगे की तलाश में पुलिस पुणे एवं महाराष्ट्र के अन्य शहरों में तलाश कर रही है। उन्होंने कहा एक आरोपी कई बार उक्त टाउनशिप के आसपास दिखाई दिया है, लेकिन पुलिस ने नहीं पकड़ा।
कर्नल भी पीडि़तों में
सेना से रिटायर कर्नल अनिल सिंह भी धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया वात्सलय बिल्डर्स की मनमानी के खिलाफ करीब 80 लोगों ने रेरा में भी केस लगाए थे, वहां से सभी के पैसे लौटाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन अब तक न तो पैसे मिले हैं और न जमीन। कई लोगों ने जिला कोर्ट में भी तीनों आरोपियों पर चैक बाउंस के केस लगाए हैं, जो विचाराधीन है।
500 चेक हो चुके हैं बाउंस
सुनील पांडे ने बताया, प्रफुल्ल गाडगे ने 2012 में कृषि भूमि पर शिवरेसीडेंसी-2 के नाम से अवैध कॉलोनी काटकर प्लाट बेच दिए थे। वहां करीब 700 प्लॉट धारकों से करोड़ों रुपए लेकर कोई डेलपमेंट नहीं किया। दबाव में लोगों को करीब 500 चेक दिए जो बाउंस हो चुके हैं और कोर्ट में केस चल रहे हैं।
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