scriptडेबिट-क्रेडिट कार्ड में ‘इंटरनेशनल सुविधा’ है तो रहें सतर्क, बिना ओटीपी ठग कर रहे लाखों की खरीदी | fraud of 25 lakh with international debit and credit card | Patrika News

डेबिट-क्रेडिट कार्ड में ‘इंटरनेशनल सुविधा’ है तो रहें सतर्क, बिना ओटीपी ठग कर रहे लाखों की खरीदी

locationइंदौरPublished: Nov 07, 2018 12:12:05 pm

क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड में मिलने वाली इंटरनेशनल सुविधा लोगों के लिए सिरदर्द बन रही है।

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डेबिट-क्रेडिट कार्ड में ‘इंटरनेशनल सुविधा’ है तो रहें सतर्क, बिना ओटीपी ठग कर रहे लाखों की खरीदी

प्रमोद मिश्रा. इंदौर. क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड में मिलने वाली इंटरनेशनल सुविधा लोगों के लिए सिरदर्द बन रही है। अधिकांश बैंक व कंपनियां कार्ड में इंटरनेशनल सुविधा देते हैं, ताकि विदेश जाना हो तो वहां भी कार्ड चल जाएं, लेकिन इसी सुविधा से लोगों का चैन उड़ गया। लोगों को पता भी नहीं चलता और बिना ओटीपी आए उनके कार्ड से हजारों, लाखों की खरीदी हो जाती है। 11 महीने में इस तरह एक करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई, यह अच्छी बात है कि समय पर सूचना मिलने से साइबर सेल ने करीब 25 लाख रुपए वापस लाकर ठगाए लोगों के चेहरे पर खुशी लौटा दी।
जवाहर मार्ग में रहने वाले मुनव्वर अली साइबर सेल की टीम के पास मिठाई का डिब्बा लेकर पहुंचे थे। दिवाली के साथ ही उनके चेहरे पर खुशी करीब डेढ़ लाख रुपए वापस मिलने की थी। एसपी जितेंद्रसिंह व ठगी के मामले के प्रभारी एसआई आमोदसिंह की टीम को मिठाई खिलाकर मुंह मिठा करते हुए सभी के सामने वे अपनी खुशी जाहिर कर रहे थे। बैंक अफसर बन या अन्य किसी कारण से झांसा देकर क्रेडिट, डेबिट कार्ड की डिटेल व आपके मोबाइल में आए ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) को हासिल कर ठगी का तरीका अब पुराना हो गया है। बदमाश अब बिना ओटोपी को ही आपके कार्ड से खरीदी कर लेते है। पैसा निकल जाने के बाद पता चलता है। कार्ड पर्स में रखा रहता है, लेकिन पैसा निकल जाता है, तो पहले तो कुछ समझ ही नहीं आता और जब ठगी का पता चलता है तो काफी देर हो जाती है। मुनव्वर अली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। एसआई आमोदसिंह के मुताबिक, एटीएम कार्ड फरियादी के पास ही थी, उसे कोई ओटीपी नहीं आया, लेकिन फिर भी खाते से 1 लाख 49 हजार की खरीदी हो गई थी। साइबर सेल में शिकायत के बाद जांच शुरू हो गई तो पता चला कि खरीदी का पैसा अभी कंपनी के गेटवे से बाहर नहीं आया है। तुरंत प्रक्रिया कर कंपनी को बता दिया कि फरियादी को बिना पता चले उसके अकाउंट से खरीदी हो गई है। ऐसे में पैसा ब्लॉक हो गया। पैसा वापस मुनव्वर अली के अकाउंट में आ गया, जिसके कारण वे मिठाई बांटकर पूरी टीम के साथ दिवाली सेलिब्रेट कर रहे थे।
खुशी बांटने वालों में छात्र प्रतीक व्यास भी शामिल था। पढ़ाई व खर्च के लिए खाते में जमा करीब 18 हजार रुपए से कब खरीदी हो गई, प्रतीक को पता ही नहीं चला। पता चला तो होश उड़ गए। तुरंत साइबर सेल पहुंचा। समय पर कार्रवाई होने से उसके खाते में 18 हजार रुपए वापस आए गए थे। दो महिलाओं को भी इस तरह हाल ही में एक लाख रुपए वापस मिले है। 40-50 लोगों को तत्काल कार्रवाई से राहत मिली है।
एक साल में लौटाए 25 लाख

साइबर सेल ने मुनव्वर के साथ ही उनके जैसे कई लोगों के चेहरे पर खुशी लाने का काम किया। एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, पिछले 11 महीने में समय पर सूचना मिलने और कार्रवाई शुरू होने से कई लोगों को 25 लाख रुपए वापस करवाए जा चुके है। समय पर जानकारी मिलने अथवा खरीदा का पैसा ट्रांसफर नहीं होने की स्थिति में राशि वापस आ जाती है। आरोपी को पकडऩे में टाइम लगता है, लेकिन पैसा वापस आता है तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। ऐसे मामलों में तत्काल साइबर सेल को शिकायत कर दी जाए तो ठगी का पैसा वापस लौटाया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय सुविधा बंद करवाकर बचे ठगी से

साइबर सेल के अफसरों के मुताबिक 11 महीने मेें कई लोगों ने करीब एक करोड़ से ज्यादा रुपए क्रेडिट डेबिट कार्ड में अंतरराष्ट्रीय सुविधा के कारण गंवाए हैं। विदेशों में खरीदी करने पर सिर्फ कार्ड नंबर की जरूरत होती है, बिना ओटीपी के आपके कार्ड से वहां आसानी से खरीदी हो जाती है और आपको पता भी नहीं चलता है। डार्क नेट पर कई लोगों के एटीएम कार्ड नंबर धोखेबाज नीलामी कर बेच रहे हैं, इसका पैसा बिटक्वाइन पर पहुंच जाता है। साइबर ने हाल ही में 2-3 गिरोह पकड़े जो आपके कार्ड के जरिए विदेशों में हजारों की खरीदी कर रहे है। एसआई आमोद के मुताबिक, इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए जिन लोगों को कार्ड में अंतरराष्ट्रीय सुविधा की जरूरत नहीं है, उसे तुरंत बंद करा देना चाहिए अन्यथा इस तरह की ठगी का शिकार हो सकते हैं।

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