बड़वानी सहित कई जिलों को आदिवासी किसानों के साथ फर्म के संचालकों ने करीब 40 करोड़ रुपए की ठगी कर ली। तीन सालों में किसानों के जैविक उत्पाद कपास व सोयाबीन लेकर आरोपियों ने बिक्री कर राशि रख ली। मांगने पर दुबई के भाई से मरवाने की धमकी दी और फिर आरोपी परिवार सहित दुबई भाग गए।
क्राइम ब्रांच ने भीमानायक कृषक उत्थान समिति के अध्यक्ष प्रकाश बरेला निवासी सेंधवा की शिकायत पर फेयर शर्ट सर्टिफिकेशन सर्विसेस प्रा. लि. के डायरेक्टर हिमांशु पाठक खरगोन, सोशल सर्टिफिकेशन सर्विसेस के डायरेक्टर तुषार पाठक व वसुंधरा, रेखा बहन पटेल पति दिनेश पटेल, दिनेश पटेल, आमबाई पटेल निवासी गुजरात, कुशल पटेल निवासी अहमदाबाद, अर्पित बनकर निवासी खरगोन व दिलीप राठौर निवासी कसरावद व इंदौर के खिलाफ धोखाधडी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया।
फरियादी ने बताया कि उन्होंने आदिवासी किसानों की जैविक खेती के लिए 2013 में संस्था बनाई थी। 21 समूह जोड़े थे। इस दौरान आरोपियों ने संपर्क किया और जैविक खेती के लिए केंद्र सरकार की प्रक्रिया पूरी करने व अन्य प्रक्रिया का काम ले लिया।
आरोप है कि पिछले तीन साल में किसानों के उत्पाद का 10653 मेट्रिक टन कपास, 25237 टन जैविक सोयाबीन उत्पाद लेकर बेच दिया। करीब 40 करोड़ का उत्पाद बेचा व राशि नहीं दी।जब राशि मांगी तो दुबई के भाइयों से मरवाने की धमकी दी। बाद में पता चला कि वे दुबई भाग गए है। आरोपियों ने खरगोन, खंडवा, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, आलीराजपुर, मंदसौर, नीमच, बैतूल छिंदवाड़ा, झाबुआ, रतलाम के किसानों को ठगा।
क्राइम ब्रांच थाने में केस दर्ज लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों को मामले में कोई जानकारी नहीं है। केस दर्ज करने में अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है।