रतलाम मंडल के पीआरओ जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि पार्सल कार्यालय को निर्देश जारी किए गए हैं कि केरल में मदद के लिए भेजी जा रही साम्रगी के लिए किसी तरह का पार्सल शुल्क न लिया जाए। 23 अगस्त को कपड़े बनाने वाली कंपनी और आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से बाढ़ राहत कार्य के लिए महिलाओं-पुरुषों के करीब 9 हजार जोड़ी और बच्चों के नए कपड़ों के बॉक्स कलेक्टर एर्नाकुलम के नाम से बुक करके भेजे थे। इसके लिए शुल्क नहीं लिया गया। करीब 77 पैकेट, जिनका वजन 3080 किलो था, के पार्सल शांति एक्सप्रेस से वड़ोदरा स्टेशन तक भेजे गए, यहां से सीधे ट्रेन से एर्नाकुलम भेजे गए।
साफ पानी के लिए भेजे हजारों जार 6 पार्सल वानों में करीब 30 हजार नग 15 लीटर क्षमता के जार इंदौर से अलापुझा स्टेशन (केरल) के लिए भेजे गए हैं। इन्हें वहां प्यूरिफाइड वॉटर से भरकर बाढ़ पीडि़तों तक भेजा जाएगा। पीआरओ जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि भारतीय रेल द्वारा यह सहायता नि:शुल्क की जा रही है। इसके लिए दो कंपनियों द्वारा रेलवे को 30 हजार जार उपलब्ध कराए गए। शनिवार को दो पार्सल वान यात्री ट्रेन में लगाकर रवाना किए गए, बाकी चार पार्सल वान रविवार को रवाना किए गए।
1 दिन का वेतन भी दान रतलाम मंडल के अधिकारी एवं कर्मचारी केरल की भीषण बाढ़ को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में अपने वेतन का एक भाग देकर सहयोग कर रहे हैं। इस संबंध में मंडल कार्यालय से पत्र जारी किया गया। इसमें अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ग्रेड के अनुसार निश्चित राशि उनके अगस्त माह के वेतन से काटी गई है।