इंदौर

VIDEO : बुजुर्ग पत्नी ने निभाया बेटे का धर्म, पति को मुखाग्नि देकर किया विदा

कलेजे पर पत्थर रख पति को दी विदाई, अंतिम यात्रा में शामिल हुआ मोहल्ले का बच्चा-बच्चा

इंदौरSep 08, 2018 / 03:37 pm

Lakhan Sharma

VIDEO : बुजुर्ग पत्नी ने निभाया बेटे का धर्म, पति को मुखाग्नि देकर किया विदा

लखन शर्मा. अब तक कई ऐसे मामले हुए, जब पिता को उनके बच्चों, यहां तक बेटियों ने मुखाग्नि दी हो, लेकिन कल पंचकुइया मुक्तिधाम पर हुई एक घटना ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। दरअसल, कंडिलपुरा जिंसी में रहने वाले 82 वर्षीय बुजुर्ग सत्यनारायण यादव उर्फ भूरे मास्टर ने बुधवार रात अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद कल उनका पंचकुइया मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार हुआ। उनकी 78 वर्षीय पत्नी कुसुम यादव ने नम आंखों से कलेजे पर पत्थर रख मुखाग्नि दी। इस वाकये ने यहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम कर दीं। खास बात रही की अंतिम संस्कार में कुसुम के साथ मुक्तिधाम तक परिजन भी पहुंचे। इनके साथ ही कंडिलपुरा, जिंसी के घर-घर से बड़ों के साथ बच्चे भी शामिल हुए।
पति के भाई भी नहीं थे, न ही कोई संतान

दरअसल सत्यनारायण यादव का कोई भाई नहीं था और न ही इनके बच्चे हैं। दो बहनें थीं, जिनका देहांत हो चुका है। भांजे- भांजी थे, लेकिन परंपरा के अनुसार वे दाग दे नहीं सकते थे। इसके चलते कुसुम यादव ने स्वयं ही यह बीड़ा उठाया और पति को नम आंखों से मुखाग्नि दी। इस दौरान उनके मुंह से निकल रहे शब्द हर किसी को भावुक कर रहे थे। वह मुखाग्नि देते हुए कह रही थीं अब तुम्हारे बिना मेरा कौन है। आखिर मुझे क्यों अकेला छोड़ गए। हालांकि दूरदराज के रिश्तेदार बड़ी संख्या में यहां पहुंच गए थे। दरअसल भूरे मास्टर के नाम से यादव कंडिलपुरा, जिंसी में प्रख्यात थे और पान की दुकान चलाते थे। उन्होंने अपने घर पर करीब 250 कबूतरों का घरोंदा भी बना रखा था, जिस पर काफी खर्च करते थे। इसी के चलते मोहल्ले के हर बच्चे से उनका स्नेह बना हुआ था।
अस्पताल ने दिखाई दरियादिली

दरअसल सत्यनारायण यादव को कुछ दिन पूर्व एयरपोर्ट रोड के गीतांजलि अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां उनका इलाज चल रहा था। बुधवार रात जब उनकी मौत हुई तब अस्पताल का लगभग 20 हजार रुपए का बिल बकाया था। परिजन सन्नी यादव ने यह बात जब अस्पताल संचालक जगदीश बिरला और डॉ. जगदीश गुप्ता को बताई तो उन्होंने 20 हजार रुपए लिए बगैर ही उन्हें रवाना कर दिया। बुजुर्ग महिला ने अस्पताल संचालकों का भी आभार माना और नम आंखों से धन्यवाद दिया।
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