scriptनामी ज्वेलर्स के नाम पर लाखों की ठगी करता है राजस्थान के चाचा-भतीजा का गिरोह | gang cheating millions in the name of famous jewelers | Patrika News

नामी ज्वेलर्स के नाम पर लाखों की ठगी करता है राजस्थान के चाचा-भतीजा का गिरोह

locationइंदौरPublished: Jan 21, 2021 09:42:06 pm

4 लाख की ठगी में दो आरोपी गिरफ्तार, सोशल मीडिया के दुरुपयोग के जरिए ठगी, लग्जरी कारों में घूमता है सरगना, सदस्य करते है विमान में यात्रा

नामी ज्वेलर्स के नाम पर लाखों की ठगी करता है राजस्थान के चाचा-भतीजा का गिरोह

नामी ज्वेलर्स के नाम पर लाखों की ठगी करता है राजस्थान के चाचा-भतीजा का गिरोह

इंदौर। नामी ज्वेलर्स के नाम से दूसरे ज्वेलर्स को फोन कर इमरजेंसी के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले राजस्थान के गिरोह के दो आरोपियों को पकड़ा। आरोपी इस तरह की ठगी को कोड वर्ड में डेजी बजाना बोलते है, गिरोह के सरगना जालोर, राजस्थान के चाचा भतीजे है जो देशभर में ठगी कर चुके है। मुख्य आरोपी बीएमडब्ल्यू में चलता है, गिरोह के सदस्य भी हवाई यात्रा करते है। आरोपी मोबाईल एप पर नामी ज्वेलर्स के नाम व फोटो का दुरुपयोग कर वारदात करते थे।
साइबर सेल के एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, ज्वेलर्स के साथ चार लाख की ठगी के मामले में दो आरोपी रामकृष्ण पिता भोमाराम पुरोहित ग्राम नुन थाना बागरा, तहसील जालौर और शैतान सिंह राजपूत उर्फ प्रदीप राठौड पिता सूरजपाल सिंह राठौड निवासी ग्राम मौदरा जिला जालौर, राजस्थान को गिरफ्तार किया। 4 दिसंबर को पंजाबी सर्राफ ज्वैलर्स के मैनेजर यशपाल द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई की किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मुंबई के नामी ज्वेलर्स के मालिक के नाम से काल किया। ट्रू कॉलर मोबाइल एप पर उक्त नंबर संबंधित ज्वेलर्स के नाम से दर्शा रहा था और उसमें फोटो भी अपलोड था। कॉल करने वाले ने कहा कि इंदौर में उनका 4 लाख का भुगतान अटका है जो दिल्ली भेजना है। वहां देरी हो रही है तो आप व्यवस्था करा दों, कुछ समय में आपको राशि पहुंच जाएगी। फरियादी ने विश्वास कर लिया और अपने रिश्तेदार के माध्यम से दिल्ली मेें 4 लाख का भुगतान करा दिया। इधर, जो पैसा लेकर आना वाला था वह कुछ देर में पहुंचने का झांसा देता रहा। दिल्ली में उन्होंने भुगतान कराया और इधर जो उन्हें चार लाख देने आ रहा था उसका नंबर बंद हो गया। कॉल करने वाला नंबर भी बंद आया तो धोखाधड़ी का आभास हुआ।
पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर डीएसपी सृष्टि भार्गव के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम बना दी। जांच के लिए सूरत , जयपुर, दिल्ली ,जालौर में टीमें भेजी गई। जो तकनीकी साक्ष्य मिले उसके आधार पर दिल्ली के करोलबाग से आरोपी रामकृष्ण को पकड़ा तो उसने ठगी स्वीकार ली। उससे मिली जानकारी के आधार पर प्रदीप को भी पकड़ा।
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