पीड़ित बच्ची के पिता का कहना है कि, डाक्टरों द्वारा उसकी आंतों का जो ऑपरेशन किया गया था, उसमें लगाए गए टांके अभी पूरी तौर पर सूखे नहीं हैं। पिता ने कहा कि, कुछ टांके पक जाने के कारण उनमें से पस भी आता हुआ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि बेटी चलने फिरने तो लगी है लेकिन पके टांको के कारण उससे अभी सीधा खड़े नही होते बन रहा। बच्ची के पिता ने यह भी बताया कि, उसे एक आंख से अभी भी साफ नहीं दिख रहा। हालांकि, आंखों के डॉक्टर रोज़ाना आकर उसका चेकअप कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की हालत होने के कारण अस्पताल से छुट्टी लेने की तो फिलहाल कोई बात ही नहीं है।
बता दें कि, इससे पहले पीड़ित बच्ची के उपचार में जुटे डाक्टरों ने उसे स्वस्थ बताते हुए उसके पिता से छुट्टी लेने की बात कही थी, जिसपर पिता ने यह इच्छा जताई थी कि, उसे बच्ची की हालत की स्पष्ट स्थिति जांचने के लिए दिल्ली के एम्स रिफर करना चाहिए। इसपर कई सवाल भी खड़े हुए जिससे बचते हुए उपचार में जुटे एक डाक्टर ने बच्ची की हालत में कितना सुधार हुआ इसकी चर्चा करने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि, मीटिंग में यह बात भी तय की जाएगी कि, उसे एम्स भेजने की ज़रूरत है या नहीं। इसके बाद बच्ची को दिल्ली भेजना तो तय नहीं हुआ लेकिन उसे उपचार के लिए एमवाय में ही रोके रखने की बात सामने आई।
फिलहाल, बच्ची के उपचार में जुटे एक डॉक्टर से हुई एक हिन्दी न्यूज़ चनल की बातचीत मे उन्होंने बताया कि, यह बात सही है कि, अभी बच्ची को एक आंख से देखने में परेशानी आ रही है। क्योंकि जब उसे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था, तब उसकी आंख में ब्लड क्लॉट जमें हुए थे। जिसके कारण उसे उस समय बिल्कुल भी दिखाई नही दे रहा था। उन्होंने बताया कि, आंखों का इलाज करने वाले डाक्टर से भी प्रतिदिन सुधार को लेकर चर्चा होती है। उनका कहना है कि करीब चार-पांच दिनों मे वह पूरी तरह देखने लगेगी। आंखों के आसपास खून जम जाने के कारण उसे यह परेशानी हो रही है। बच्ची के डिस्चार्ज को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।