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बेटे की हत्या कर मां के साथ किया गैंगरेप, पुलिस ने मां को ही बता दिया बेटे का हत्यारा

locationइंदौरPublished: Jan 31, 2019 10:42:37 am

Submitted by:

Lakhan Sharma

– अब तक जेल में है मां, पति ढाई साल से शिकायत लेकर लगा रहा अधिकारियों के चक्कर- हत्या और गैंगरेप करने वाले आरोपित अब भी घूम रहे बेखौफ

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लखन शर्मा, इंदौर।

चार युवक मौका पाकर देर रात एक घर में घुसे। लाइट काटी तो १५ वर्षीय किशोर उठ गया। युवकों ने उसे मार डाला। मां को पास सो रहे तीन और बच्चों को मारने की धमकी देकर उसके साथ गैंगरेप किया और फरार हो गए। पुलिस ने महिला को ही बेटे की हत्यारी बता दिया और केस में पड़ोस में रहने वाले एक और युवक को आरोपित बना दिया।
पुलिसिया कहानी ये बनी कि मां से प्रेमी मिलने आया, पर बेटे ने देख लिया। इस पर दोनों ने मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया। महिला गैंगरेप कि बात कहती रही, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। पिछले दो साल से उसका पति अपने तीनों बच्चों को लेकर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। उधर हत्या कर गैंगरेप करने वाले आरोपित खुलेआम घूम रहे हैं। अब पति ने एडीजी वरुण कपूर से इसकी शिकायत की है, उसे अब भी उम्मीद है कि पुलिस आरोपितों पर कार्रवाई करेगी और पत्नी जेल से बाहर आ पाएगी।
पति को बताई हकीकत
घटना एमआईजी थाना क्षेत्र के देवनगर की है। अगस्त २०१६ में नाले किनारे मिले एक शव की शिनाख्त करते हुए पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करना बताया। तत्कालीन थाना प्रभारी तारेश सोनी ने बताया था कि नाबालिग छात्र कि हत्या उसकी मां ने प्रेमी अंकित छजलानी के साथ मिलकर की थी। दोनों को आरोपित बनाकर जेल भेज दिया गया। जब महिला से मिलने उसका पति मिलने जेल गया तो उसने पूरी घटना बताई। इसके बाद से ही पति शिकायतें कर रहा है। एडीजी वरुण कपूर, डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र सहित अन्य अधिकारियों से फिर शिकायत की है।
यह थी असल घटना
पति ने बताया कि घटना वाले दिन वह गांव गया था, घर में पत्नी और चार बच्चे अकेेले थे। अंकित उसके मकान मालिक के बेटे गुल्ली भगत, उसके भाई कालू चोटीवाला, दीपक मेवाती और एक अन्य साथी के साथ रात करीब दो बजे घर आए और लाइट काट दी। इसके चलते उसका १५ वर्षीय बेटा उठ गया। उसकी पत्नी भी जाग गई तो आरोपितों ने बेटे को गाली देकर बोला कि जाकर सो जा। बेटे ने विरोध किया तो उससे इनकी हाथापाई हुई। चारों ने चेन से उसका गला घोटकर मार दिया। इस बीच तीनों बच्चे भी उठ गए। इन्होंने उन्हें चाकू दिखाया और मारने कि धमकी दी। उसकी पत्नी को धमकाकर दूसरे कमरे में ले गए और उसके साथ गैंगरेप किया। रात में ही बेटे की लाश को देवनगर के नाले में फेंक दिया। वह सुबह घर पहुंचा तो पत्नी डरी हुई थी, उसे देखते ही मकान मालकिन मायाबाई भी आ गई, इसके चलते पत्नी उसे घटना नहीं बता पाई। जब उसने बेटे को घर में नहीं देखा तो उसे ढूंढने निकला। तब नाले में उसकी लाश मिली। वहीं से पुलिस को फोन लगाकर जानकारी दी। पुलिस आई और पत्नी और अंकित को बेटे की हत्या का आरोपित बना दिया। जबकि घटना में पत्नी ने गैंगरेप होने और चार युवकों द्वारा हत्या करने व हत्या में सहयोग करने की बात कही थी। लेकिन पुलिस ने उसे थाने में डराया और महिला थाने ले जाकर रिमांड लेने कि बात कहकर जेल भेज दिया। इसके १७ दिन बात जब वह पत्नी से मिलने गया तो उसने व उसकी बेटी ने पूरी घटना बताई। घटना के अगले दिन सुबह ही मकान मालकिन मायाबाई ने उसकी पत्नी को धमकाया था कि मेरे बेटों का नाम मत लेना, उसने भी घटना में सहयोग किया। अगर पुलिस जांच करे तो पूरा सच सामने आ सकता है। उधर पुलिस चालान पेश कर चुकी है, इसलिए भी इस केस कि गुत्थी उलझ गई है।
पैसों का दे रहे लालच

पति ने बताया कि मुख्य आरोपित दीपक मेवाती है, जो अब पैसों का लालच दे रहा है। कहता है कि लाख-डेढ़ लाख रुपए ले ले और शिकायत मत कर। हमारा नाम लिया तो हम तेरी भी हत्या कर देंगे। पति पिछले ढाई साल से अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन अब तक उसकी पत्नी के बयान तक नहीं लिए गए हैं। पति ने तत्कालीन थाना प्रभारी तारेश सोनी पर आरोपितों से सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए अधिकारियों को उनकी भी शिकायत की है।
नए एडीजी ने बैठाई जांच
पिछले दिनों पति ने एडीजी कपूर को नए सिरे से शिकायत की और घटना बताई तो उन्होंने इस पर जांच बैठा दी। आज पीडि़त व आरोपितों को एमआईजी थाने बुलाया गया है। पीडि़त का कहना है कि अब अगर पुलिस से राहत नहीं मिली तो वह आरोपितों को सजा दिलवाने के लिए कोर्ट का सहारा लेगा। पुलिस ने उसकी ही पत्नी को बेटे की हत्या का आरोपित बना दिया, जबकि उसके अन्य बच्चे वहीं मौजुद थे, जो घटना के गवाह हैं कि बेटे को किसने मारा और मां के साथ क्या हुआ।
पत्नी को बचा रहा

यह व्यक्ति आरोपित पत्नी को बचाने के लिए शिकायतें कर रहा है। जबकि हत्या उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी। हमने सभी पहलुओं कि जांच कर मामले में ख्ुालासा किया था। सभी आरोप झूठे हैं।
तारेश सोनी, तत्कालीन थाना प्रभारी एमआईजी

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