scriptराजेंद्र नगर में अभंग गायन के साथ हुआ गणपति उत्सव का समापन | Ganpati festival ends with Abhang singing in Rajendra Nagar | Patrika News

राजेंद्र नगर में अभंग गायन के साथ हुआ गणपति उत्सव का समापन

locationइंदौरPublished: Sep 22, 2021 12:14:34 am

राजेंद्र नगर में चल रहे 10 दिवसीय गणपति उत्सव का समापन ‘टाळ बोले चिपलीला नाच माझ्या संग’ इस अभंग गायन के साथ हुआ। सुगम गायन स्पर्धा ग्रांड फिनाले के अंतिम प्रतिभागी यश फपुनकर द्वारा गाए हुए इस अभंग ने माहौल को भक्तिमय बनाते हुए आध्यात्मिक रंग दिया। श्रोताओं की तालियों की गडग़ड़ाहट ने दर्शा दिया था कि सुगम गायन स्पर्धा के प्रतिभागियों की प्रस्तुतियां किसी भी दृष्टि से व्यावसायिक कलाकारों द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों से कम नहीं थी।

राजेंद्र नगर में अभंग गायन के साथ हुआ गणपति उत्सव का समापन

राजेंद्र नगर में अभंग गायन के साथ हुआ गणपति उत्सव का समापन

इंदौर. राजेंद्र नगर में चल रहे 10 दिवसीय गणपति उत्सव का समापन ‘टाळ बोले चिपलीला नाच माझ्या संगÓ इस अभंग गायन के साथ हुआ। सुगम गायन स्पर्धा ग्रांड फिनाले के अंतिम प्रतिभागी यश फपुनकर द्वारा गाए हुए इस अभंग ने माहौल को भक्तिमय बनाते हुए आध्यात्मिक रंग दिया। श्रोताओं की तालियों की गडग़ड़ाहट ने दर्शा दिया था कि सुगम गायन स्पर्धा के प्रतिभागियों की प्रस्तुतियां किसी भी दृष्टि से व्यावसायिक कलाकारों द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों से कम नहीं थी। यश द्वारा दी गई अभंग प्रस्तुति ने ना सिर्फ श्रोताओं को बल्कि स्पर्धा के निर्णायकों को भी बेहद प्रभावित किया और अंतत: सुगम गायन स्पर्धा के 11वें संस्करण का प्रथम विजेता यश फपुनकर को ही घोषित किया गया। इनाम के रूप में 5 हजार की नगद राशि प्रदान की गई। स्पर्धा में द्वितीय स्थान पर रुचिर पारखी और तृतीय स्थान सार्थक संगमनेरकर ने हासिल किया। कार्यक्रम में आरएसएस के कुटुंब प्रबोधन प्रमुख लक्ष्मण राव नवाथे, सांसद शंकर लालवानी, सुधीर देडग़े सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे। सिद्धि विनायक गणेश मंदिर, महाराष्ट्र समाज, तरुण मंच और सहयोगी संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित गणेशोत्सव में अंतिम दिन सुगम गायन स्पर्धा का महामुकाबला दो विभिन्न आयु वर्ग के गायकों के मध्य आयोजित किया गया था जिसके लिए प्रथम चरण से बाल वर्ग से 5 और युवा वर्ग से 12 गायकों का चयन किया गया। बाल वर्ग का प्रथम पुरस्कार वैषवी हीरपाठक, द्वितीय उर्वी चिकोडीकर और तृतीय पुरस्कार तीर्थ झाँसीवाले ने हासिल किया। प्रतियोगिता के निर्णायक मोहनवीणा वादक सतीश खानवलकर, संगीत शिक्षिका भक्ति शुक्ल व संगीत समीक्षक संजीव गवते थे।
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