पूरी होगी सुषमा की इच्छा! मूक बधिर गीता को महाराष्ट्र में मिल सकता है परिवार, 5 साल बाद इंदौर से रवाना
22 जुलाई 2018 को जब सुषमा स्वराज इंदौर आईं थी तो उन्होंने गीता से करीब 20 मिनट बात की थी।

इंदौर. पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज के प्रयासों से पाकिस्तान से आई मूक बधिर गीता जल्द ही महाराष्ट्र को अपना घर बना सकती है। गीता को रविवार सुबह अस्थायी रूप से परभणी भेजा गया है। गीता वहां एक संस्थान में आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण लेगी। इसके साथ ही महाराष्ट्र के परभणी के वाघमारे परिवार ने उसे अपनी बेटी होने का दावा किया है।
आनंद सर्विस सोसायटी के ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया, परभणी के वाघमारे परिवार ने उसे अपनी बेटी होने का दावा किया है। उन्होंने उसके गुमने को लेकर जो तथ्य बताए हैं, वे काफी मिलते जुलते हैं, इसलिए जल्द ही परिवार और गीता का डीएनए मिलाया जाएगा। फिलहाल उसे वहीं आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जाएगी। इसमें परभणी के पहल फाउंडेशन ने उसकी मदद करने की सहमति जताई है।
गीता के पुनर्वास में मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है। गौरतलब है कि गीता को 26 अक्टूबर 2015 को इंदौर लाया गया था। पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की पहल पर उसे पाकिस्तान से भारत लाया गया था। गीता को इंदौर के मूक-बधिर संगठन में अस्थायी आश्रय दिया था।
हिन्दुस्तान की बेटी
तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों के बाद 26 अक्टूबर 2015 को गीता भारत लौटी थी। स्वराज गीता को ‘हिंदुस्तान की बेटी’ बुलाती थीं। स्वराज ने गीता से मुलाकात करके उसे आवश्वासन दिया था कि सरकार उसके माता-पिता को ढूंढने के लिए प्रयास कर रही है।
Main ye bhi ghoshna karti hoon ki jo vyakti hamein Geeta ke maa-baap ko milwa dega hum ussey 1 Lakh rupaiye ka inam denge: EAM Sushma Swaraj
— ANI (@ANI) October 1, 2017
अब तक 24 परिवारों ने किया दावा
गीता को इंदौर में रखा गया था। तब से वह यहीं पर रह रही थी। बीते 5 साल में देशभर के कई दंपति ने गीता के माता पिता होने का दावा किया है। अब तक 24 परिवार गीता को अपनी बेटी बता चुके हैं। लेकिन उनमें से किसी का डीएनए मैच नहीं होने के कारण अभी भी गीता को अपने परिवार की तलाश है।
गीता को मां बाप से नहीं मिला पाईं सुषमा
मूक बाधिर बालिका गीता को भारत लाने और उनके पुनर्वास में सुषमा स्वराज की महत्वपूर्ण भूमिका थी। पाकिस्तानी रेंजर्स को आठ साल की उम्र की मूक बाधिर बालिका समझौता एक्सप्रेस पर बैठे हुए लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिलीं थीं। गीता का 2015 में भारत लाया गया।
शादी के लिए लड़का भी देख रहीं थी सुषमा
22 जुलाई 2018 को जब सुषमा स्वराज इंदौर आईं थी तो उन्होंने गीता से करीब 20 मिनट बात की थी। उसके बाद उन्होंने गीता से शादी के लिए पूछा था। इस दौरान गीता ने कहा था मां-बाप मिलने के बाद शादी करूंगी। सुषमा गीता के मां बाप को खोज रही थीं।
एक लाख रुपए का ईनाम भी रखा था
सुषमा स्वराज ने जनता से गीता के परिजनों को तलाशने में मदद करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि जो व्यक्ति गीता के मां-बाप को मिलवाएगा उसे एक लाख रुपये इनाम में दिए जाएंगे। सुषमा स्वराज ने कहा था कि जब भी मैं गीता से मिलती हूं तो वो शिकायत करती है और कहती है कि मैडम किसी तरह मेरे मां-बाप को ढूंढ दो। सुषमा स्वराज ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो भी गीता के मां-बाप हों सामने आएं। सुषमा ने कहा था मैं इस बेटी को बोझ नहीं बनने दूंगी। इसकी शादी, पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी मैं उठाएंगी।
6 अगस्त को हुआ था निधन
सुषमा स्वराज का निधन 6 अगस्त 2019 को हुआ था। सुषमा स्वराज की इच्छा थी कि गीता के माता-पिता मिल जाएं।
अब पाइए अपने शहर ( Indore News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज