यात्री रोहित ठाकरे ने बताया कि इस ट्रेन में बैठने तक की जगह नहीं है। बड़ी मुश्किल ट्रेन में चढ़ पाए। अगर रेलवे इंदौर में इस ट्रेन की स्टॉपेज का बढ़ा और कोच संख्या में इजाफा कर दे तो यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। इंदौर से भोपाल के लिए इंटरसिटी ट्रेन में सवार हुए यात्री योगेंद्र यादव ने बताया कि रिजर्वेशन कराया था, लेकिन अपनी सीट पर पहुंचने तक देवास स्टेशन आ गया था। सीट पर अन्य यात्री बैठे थे। बहस करने के बाद उन्होंने बैठने दिया। अब दोबारा इस ट्रेन में कभी सफर नहीं करूंगा।
पैर रखने की जगह नहीं यात्री प्रियंक खरे ने बताया कि जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पहुंची तो पूरा प्लेटफॉर्म भरा हुआ था, जिसे जहां जगह मिली वहां चढ़ गया। स्लीपर कोच में भी पैर रखने की जगह नहीं थी। जानवरों की तरह यात्री एक -दूसरे से सटे हुए खड़े थे। वाशरूम जाने जगह भी नहीं थी। जानकारी के अनुसार इंटरसिटी को १५ कोच से चलाया जा रहा है, जबकि समर वेकेशन में कोच बढ़ाने चाहिए थे। इस ट्रेन में अधिकांश यात्री अपडाउनर्स होते है। वेकेशन में अतिरिक्त यात्री सफर करते हैं। भोपाल जाने के लिए यह सबसे बेहतर और सस्ता साधन है।
कार्रवाई के डर के चलते काउंटर पर लगी कतार इधर, इंदौर रेलवे स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों में पिछले चार दिनों से विशेष टिकट चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का असर भी दिखने लगा है। शनिवार सुबह डेमू ट्रेन में फतेहाबाद स्टेशन पर कार्रवाई की गई। जब टीम स्टेशन पहुंची तो यहां टिकट काउंटर पर लंबी कतार लगी थी। बुकिंग क्लर्क ने बताया कि आम दिनों में इक्का-दुक्का लोग ही टिकट लेते हैं, लेकिन लगातार हो रही कार्रवाई के चलते आज सुबह से ही रतलाम और महू की ओर जाने वाले यात्रियों की कतार लग गई।