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शहीद की पत्नी को झोपड़ी से बंगले में हथेलियों पर करवाया प्रवेश, सीएम कमल नाथ ने दी बधाई पलक के पिता पंकज शर्मा ने बताया कि शुरुआत से पलक की रुचि तैराकी और गोताखोरी में रही। इसने गोताखोरी में जाने का फैसला लिया। यह खेल खतरनाक है, इसलिए 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इसमें नहीं लिया जाता। इसके चलते पलक को पिछले साल इस खेल में लेना शुरू किया, लेकिन वह पिछले चार वर्षों से इसके लिए तैयारी कर रही थी। एक वर्ष में पलक दो नेशनल खेल चुकी है। स्कूल नेशनल में तीन गोल्ड मेडल, ओपन नेशनल में दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीत चुकी है। पलक के पास वर्तमान में 18 मेडल और तीन चैंपियनशिप है। पलक को उसके कोच विश्वामित्र अवार्डी रमेश व्यास तैयार कर रहे हैं। अब तक वे गोताखोरी के कई खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा चुके हैं। पूरे देश में अंडर 14 की दो लड़कियां हैं जिनमें एमपी से पलक शर्मा और महाराष्ट्र से विवाह शाह है। इस प्रतियोगिता के पूर्व पलक 19 अगस्त से पुणे में शुरू होने वाले विशेष परिक्षण श्ििावर में भाग लेगी।