दरअसल, कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल से छात्रों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई। इसका असर परीक्षा परिणाम पर साफ नजर आया। परीक्षा के दौरान 40 नंबर के वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी पूछे गए थे। इसके बाद भी जिस परीक्षा परिणाम की उम्मीद अधिकारियों को थी, वह नहीं आ पाया। इंदौर में मल्हार आश्रम में प्रदेश के टॉप विद्यार्थियों को ही प्रवेश दियाजाता है। उम्मीद थी कि इस स्कूलके विद्यार्थियों के प्रदर्शन से इंदौर प्रदेश में टाप पर रहेगा, लेकिन प्रदेश की मेरिट सूची में केवल एक ही विद्यार्थी स्थान बना पाया। 10वीं का परीक्षा परिणाम प्रदेश की तुलना में काफी कमजोर रहा, जबकि इंदौर एज्युकेशन हब है।
हायर सेकंडरी में छात्राओं ने बाजी मारी 12वीं के मामले में इंदौर प्रदेश में 11वें नंबर पर रहा। नंबर-1 पर आलीराजपुर जिला रहा, यहां का रिजल्ट 93.24 प्रतिशत रहा। इंदौर का रिजल्ट 80.55 प्रतिशत रहा। इंदौर जिले में कुल 29004 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी, जिनमें से 32,334 पास हुए। छात्रों की संख्या 11690 रहकर 78.07 प्रतिशत रहा और छात्राएं 11644 रहकर 83.20 प्रतिशत उत्तीर्ण हुईं। छात्रों के मुकाबले छात्रों का प्रतिशत अधिक रहा। वहीं 2561 छात्रछात्राएं अनुत्तीर्ण हुए और 3072 को पूरक मिली। स्वाध्याय के परीक्षा परिणाम देखें तो जिले में हाई स्कूल की परीक्षा का रिजल्ट 30 प्रतिशत ही रहा। 6596 छात्र- छात्राओं ने परीक्षा दी और 1965 उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार 12वीं में रिजल्ट 49 प्रतिशत रहा। परीक्षा 6343 ने दी और उत्तीर्ण 3051 हुए।
14 हजार से अधिक प्रथम जिले में 10वीं के परीक्षा परिणाम पर गौर करें तो परीक्षा में 35,877 छात्र बैठे थे। 14,752 छात्र प्रथम श्रेणी में पास हुए, वहीं 7531 दूसरी और 87 छात्र तृतीय श्रेणी में आए। कुल 22110 छात्र पास हुए हैं। इनमें 56.95 प्रतिशत छात्र और 66.93 प्रतिशत छात्राएं पास हुई हैं। जिले का परीक्षा परिणाम 61.66 प्रतिशत रहा। 9734 छात्र-छात्राएं अनुत्तीर्ण हुए व ४०७२ को पूरक मिली।