must read : ग्रीन बेल्ट पर कब्जा कर बनी इस बिल्डिंग को विस्फोट से उड़ाने की तैयारी, घायल हुआ कर्मचारी इस तकनीक से एरिया की रीयल मैपिंग होगी, जिससे जमीन, सड़क, प्रॉपर्टी की स्थिति आसानी से पता चलेगी। वन क्लिक प्लान होने से पारदर्शिता आएगी और आम आदमी भी जमीन उपयोग और निर्माण नियमों को स्क्रीन पर देख सकेगा। सरकार जल्द आईडी नंबर जारी करेगी, जिससे काम का प्रारूप और सीमा निर्धारण पर काम शुरू किया जा सकेगा। होलकर राजाओं ने ब्रिटिश नागरिक किटी गिडिज से मास्टर प्लान बनवाकर इंदौर बसाया था। 80-90 के दशकों में प्रशासनिक और राजनीतिक नुमाइंदों के बीच खींचतान में मास्टर प्लान 2021 वर्षों अटका रहा। आखिरकार 2008 में लागू किया जा सका। हरियाली सहित कई सड़कें आबादी लील गई। इस बार एेसा कुछ नहीं हो, इसके लिए नए मास्टर प्लान का प्रारूप बनाना शुरू कर दिया गया है। संयुक्त संचालक एसके मुद्गल का कहना है, मास्टर प्लान जीआईएस आधारित बनाया जाएगा। विभागीय कार्यप्रणाली में बदलाव के साथ ही मास्टर प्लान आम आदमी उपयोगी होगा। पारदर्शिता से शहर की जमीनों व इन पर निर्माण की कानूनी स्थिति को स्क्रीन पर देख सकेंगे। अगस्त से इसकी कवायद शुरू की जाएगी।
must read : गोतस्करों की इंदौर में पिटाई, आरोपी बोले – हमें नहीं पता था कि गाड़ी में क्या है यह होंगे फायदे -मास्टर प्लान में पारदर्शिता आएगी। ऑनलाइन सिस्टम होने से आम आदमी जमीन खरीदने से पहले उसकी वस्तुस्थिति जान सकेगा।
-विकास के लिए निर्णय शीघ्र लिए जा सकेंगे। सरकारी विभाग, निजी व्यक्ति, कंपनियां जमीन को लेकर निर्णय जल्द ले सकेंगी।
जमीनी या अंडरग्राउंड सुविधाओं की मैपिंग से विकास एजेंसियों को पूरी जानकारी रहेगी। कोई भी विभाग काम करना चाहेगा तो प्लानिंग एरिया तय करने से पहले इन सभी स्थितियों को देख सकेगा।
– नक्शे व ले-आउट तकनीकी रूप से परिपूर्ण होंगे। क्षेत्रों का निर्धारण, प्रॉपर्टी की जानकारी, सड़कों और रास्तों की बारीकियां होने से भूल या गलती की संभावना कम होगी।
-विकास के लिए निर्णय शीघ्र लिए जा सकेंगे। सरकारी विभाग, निजी व्यक्ति, कंपनियां जमीन को लेकर निर्णय जल्द ले सकेंगी।
जमीनी या अंडरग्राउंड सुविधाओं की मैपिंग से विकास एजेंसियों को पूरी जानकारी रहेगी। कोई भी विभाग काम करना चाहेगा तो प्लानिंग एरिया तय करने से पहले इन सभी स्थितियों को देख सकेगा।
– नक्शे व ले-आउट तकनीकी रूप से परिपूर्ण होंगे। क्षेत्रों का निर्धारण, प्रॉपर्टी की जानकारी, सड़कों और रास्तों की बारीकियां होने से भूल या गलती की संभावना कम होगी।