इंदौर

आग बुझाने के लिए पानी की नहीं कोई व्यवस्था

जीएनटी मार्केट में एक माह के अंदर तीन पीठे जलकर स्वाहा हो गए। यहां हरदम आग लगने का अंदेशा रहता है। एक माह में यहां तीन पीठों में आग लग चुकी है।

इंदौरMay 27, 2022 / 07:25 pm

रमेश वैद्य

इंदौर, जीएनटी मार्केट में एक माह के अंदर तीन पीठे जलकर स्वाहा हो गए। लेकिन इसके बाद भी वहां हरदम आग लगने का अंदेशा रहता है। पत्रिका ने मार्केट को स्कैन किया तो पता चला कई पीठे आपस में सटे हैं। कुछ के पास घनी बस्ती है। जब भी यहां किसी वजहों से आग लगती है, तो हडकंप मच जाता है। हालांकि आग बुझाने के लिए मार्केट में ही फायर स्टेशन बना है। यहां हर वक्त दमकलकर्मी तैनात रहते हैं। लेकिन इसके बावजूद समय पर आग नहीं बुझ पाती। आग लगने से लेकर उसके विकराल रूप तक पहुंचने के बीच आखिरकार कहां परेशानी आ रही है। ऐसे तमाम ङ्क्षबदु पर पत्रिका टीम ने स्कैन किया है।
आग लगती है तो निगम टैंकर समय पर नहीं पहुंचते : गर्मी के मौसम में मार्केट के पीठों में आग लगने का अंदेशा बना रहता है। एक माह में यहां तीन पीठों में आग लग चुकी है।
गुरुनानक ङ्क्षटबर मार्केट एसोसिएशन अध्यक्ष दानवीर ङ्क्षसह छाबड़ा ने बताया कि अब व्यापारी जागरूक हो गए हैं। पहले पीठों के बीच शेड की दीवार होती थी। इस वजह से आग अधिक फैलती थी। अब लोगों ने ऊंची दीवारें खड़ी कर ली हंै। इस वजह से आग जिस पीठे में लगती है, वहीं तक सीमित रहती है। कई बार आग की लपटें अधिक ऊंची होती हैं, जिससे पास का पीठे को नुकसान होता है। धार रोड स्थित संस्कार कॉलेज के समीप पीठे में आग लगी थी। आग की चपेट में पास स्थित बस्ती भी आ सकती थी। करीब 250 पीठे और दुकान मिलाकर बाजार में 400 प्रतिष्ठान हैं। इनमें बड़ी मात्रा में लकड़ी है। व्यापारियों ने मार्केट की सुरक्षा के लिए व्यापारियों ने फायर ब्रिगेड को स्टेशन की जगह दी है। इस पर स्टेशन बन भी गया। यहां दमकलकर्मी और फायर वाहन हर दम तैनात रहते हैं। जब किसी प्रतिष्ठान में आग लगती है तो यहां फायर वाहन पहुंच जाते हैं। लेकिन समय पर निगम द्वारा टैंकर नहीं मिलने से मुश्किल बढ़ जाती है। इस वजह से आग विकराल रूप लेती है। निगम यदि दो टैंकर हर समय स्टेशन पर खड़े कर दे तो बड़ी आग से बचा जा सकता है।
पीठों से बिजली के पोल, डीपी और हाईटेंशन लाइन सटकर निकल रही
जीएनटी मार्केट में बड़ी संख्या में लकड़ी के पीठे और छोटे कारखाने हैं। बाजार की बात की जाए तो यहां कई प्रतिष्ठान के बाहर बिजली के पोल और डीपी सटकर लगी है। हर वक्त यहां पर शॉर्ट सर्किट से आग लगने का अंदेशा रहता है।
कई बार लकड़ी के बुरादे से फैल जाती है आग
मार्केट के व्यापारी समय पर बैठक करते है। इसमें यह बात सामने आ चुकी है की कई बार लेबर काम के दौरान लकड़ी के बुरादे में बीड़ी सिगरेट फेंक देते हे। धीरे- धीरे बुरादे से धुआं निकलता है। जब कोई समझ पाता इतने में आग भभक जाती है। प्रतिष्ठान पर पानी के ड्रम रखने की बात कही गई है। शॉर्ट सर्किट से बचाने के लिए रात को मेन स्वीच बंद कर जाने की बात भी कही।
बिजली सप्लाइ बंद करवाते तब तक फैल जाती आग
फायर ब्रिगेड एसपी आर एस ङ्क्षनगवाल ने बताया, टींबर मार्केट में पीठों से हाईटेंशन लाइन पास से निकल रही है। डीपी भी दीवारों से सटी है। जब किसी पीठे में आग की सूचना मिलती है, तो वहां बिजली सप्लाई चालू रहती है। रेस्क्यु के दौरान करंट फैलने का डर रहता है। बिजली सप्लाई बंद करने की प्रक्रिया में देरी होने से आग अधिक फैल जाती है। कई बार आग बुझाते वक्त पानी खत्म हो जाता है। ऐसे में निगम के टैंकर को सिरपुर के पास स्थित हाईड्रेंट से पानी भरकर लाना पड़ता है। मार्केट में सुरक्षा ²ष्टि से हाईड्रेंट होना चाहिए। वहीं जिन प्रतिष्ठान से बिजली डीपी और पोल सटे है उन्हें नियमों के तहत पांच फीट दूर होना चाहिए। यदि व्यापारी थोड़ी-थोड़ी दूर पर हाईड्रेंट के तर्ज पर पानी टैंक, पाइप व पंप लगा दे तो प्रारंभिक स्टेज पर आग पर काबू पाया जा सकता है।
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