सोने की बढ़ती कीमत
लॉकडाउन में निराशा की खबरों के बीच कई ऐसे उद्योग भी है, जहां से राहत की खबर है। मंदी के इन दिनों में कारोबारी का सबसे अधिक नुकसान हुआ है। तो वही देश के सबसे पुराने और पारंपरिक निवेश सोने ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ओल्ड इज गोल्ड सही होता है। सोने की बढ़ती कीमतों से निवेशकों को डूबती इकोनामी में सहारा मिल गया है। जिसके चलते मंदी के इस दौर में भी सोना और चांदी के कीमतों की चमक बनी हुई है। वही बात करें कच्चे तेल की तो इसकी कीमतें पानी से भी सस्ती हो गई है, जिसका फायदा आगे देखा जा सकता है।
मंदी के दौर बढ़ी सोना-चांदी की मांग
कोरोना वायरस के कहर में भी इंदौर में सोने की वायदा कीमतों में मंदी का दौर जारी है। मंदी का यह लगातार तीसरा कारोबारी सत्र है। एमसीएक्स पर सोना का भाव 45 हजार 640 रुपए प्रति 10 ग्राम व चांदी का भाव 42 हजार 765 रुपए किलो रहा। हालांकि सराफा बाजार पिछले 25 दिनों से बंद है। वैश्विक बाजार में सोमवार को सोने की हाजिरी भाव में गिरावट और चांदी के आज के भाव में बढ़त देखने को मिली। लगातार बढ़ती कीमतें निवेशकों के साथ सरकार का भी अब बढ़ने लगा है।
50,000 के करीब पहुंची कीमतें
अंतरराष्ट्रीय सराफा बाजार में सोने की कीमते 50 हजार के पार है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सोने का निवेश बढ़ेगा। कोरोना के इस कहर में भी एक बार फिर सोना निवेशकों की पसंद बनी है। रिटर्न के मामले में दूसरे निवेश से आगे सोना आगे है। 3 महीने में मिला 20 फ़ीसदी रिटर्न, अब गोल्ड ईटीएफ की मांग से जोरदार इजाफा होने के आसार हैं।