सुपर कॉरिडोर पर पहले मेडिकल हब के लिए आईडीए ने जमीन रिजर्व की थी लेकिन बाद में यहां आईटी हब के लिए करीब 40 एकड़ जमीन का आरक्षित किया गया था। इसमें से करीब 15 एकड़ जमीन यश टेक्नोलाजी ने ली है जबकि 5-5 एकड़ इम्पेट्स व उसकी सहयोगी कंपनी ने ली है। आईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक, यश टक्नोलाजी व इम्पेट्स ने जमीन लेने के बाद तेजी से काम शुरू किया है। दोनों ही कंपनी 31 मार्च तक प्रोडक्शन शुरू करने की तैयारी में है। सुपर कॉरिडोर पर टीसीएस व इनफोसिस पहले से ही कार्यरत है।
वर्ष 2016 में आईटी पॉलिसी के तहत शासन ने दोनों बड़ी कंपनियों को यहां जमीन दी थी। आईटी डिपार्टमेंट के मुताबिक, टीसीएस ने अगले दस साल में 13 हजार युवाओं को रोजगार देनें तथा इनफोसिस ने 10 हजार युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। इसमें से 50-50 प्रतिशत युवा मध्यप्रदेश के होंगे। टीसीएसी ने प्रोडक्शन शुरू करने के बाद अभी तक दो हजार सीट कर ली है जबकि इनफोसिस ने अभी छोटे स्तर पर काम शुरू किया। इनफोसिस की अभी 200 सीट है लेकिन अफसरों का कहना है कि कंपनी दिसंबर 2019 तक यहां सीट बढ़ाकर एक हजार करने वाली है। दिसंबर तक यहां 500 नई नौकरियां शुरू हो जाएगी और इसका तेजी सेे काम चल रहा है। साल दर साल दोनों की कंपनियां विस्तार कर लेंगी। वैसे यश टेक्नोलॉजी व इम्पेट्स के यहां प्रोडक्शन शुरू होने के बाद आईटी हब की रौनक बढ़ जाएगी। आईडीए का पास अब भी काफी जमीन मौजूद है और मैग्निफिसंट एमपी के जरिए यहां नई आईटी कंपनियों की आमद होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।