बिजली कंपनी में स्टाफ की कमी दूर करने की कवायद चल रही है। इसके लिए जूनियर इंजीनियर के 900 पदों पर भर्ती होगी। कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से यह भर्ती करवाई जा रही है। इसको लेकर जल्द ही मंडल विज्ञप्ति जारी करेगा, जिसकी तैयारी हो गई है। इसके अलावा असिस्टेंट इंजीनियर के पदों पर भर्ती गेट (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) स्कोर के आधार पर की जाएगी। इसके लिए साक्षात्कार का प्रावधान नहीं होगा। यह भर्ती मप्र की तीनों बिजली वितरण कंपनी पूर्व, पश्चिम, मध्य क्षेत्र, ट्रांसको और पावर मैनेजमेंट कंपनी में होगी।
गौरतलब है कि बिजली संबंधित कामों को लेकर एक बैठक पिछले दिनों भोपाल में राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे की मौजूदगी में हुई थी। इसमें भी बिजली कंपनी में जूनियर इंजीनियर के रिक्त पड़े पदों पर भर्ती का मुद्दा उठा था। इस पर मंत्री तोमर ने रिक्त पद भरने के आदेश दिए थे। इसके बाद जूनियर और असिस्टेंट इंजीनियर की भर्ती को लेकर कवायद तेज हो गई है।
कर्मचारी संगठनों का विरोध रंग लाया
मध्यप्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनी पूर्व, पश्चिम व मध्य क्षेत्र सहित ट्रांसको और पावर मैनेजमेंट कंपनी में पहले असिस्टेंट इंजीनियर की भर्ती ऊर्जा विभाग करने जा रहा था। इसको लेकर कर्मचारी संगठनों ने मोर्चा खोला व विरोध किया। ऊर्जा विभाग प्रमुख सचिव दुबे को मध्य प्रदेश विद्युत मंडल पत्रोपाधि अभियंता संघ के महासचिव जीके वैष्णव और भास्कर घोष ने पत्र लिखकर मांग की कि असिस्टेंट इंजीनियर की जगह जूनियर इंजीनियर की नई भर्ती की जाए। असिस्टेंट इंजीनियर की नई भर्ती न करते हुए इन पदों को पदोन्नति से भरने का मुद्दा अलग उठाया था, क्योंकि संपूर्ण प्रदेश में लगभग 2 हजार जूनियर इंजीनियर 5 वर्ष से अधिक की सेवा पूर्ण कर चुके हैं। पदोन्नति के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे हैं, इसलिए असिस्टेंट के बजाय जूनियर इंजीनियर के पद पर भर्ती करने की मांग पर जोर दिया। इस मांग पर विचार करने के बाद ही बिजली कंपनी में जूनियर इंजीनियर के 900 पदों पर भर्ती करने का फैसला लिया गया, लेकिन पदोन्नति का मामला अभी अटका पड़ा है।
सेवानिवृत्त अफसरों को लगाएंगे काम पर
जो अफसर बिजली कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए हैं, उनकी सेवा फिर से ली जाएगी। इसको लेकर मंत्री तोमर ने आवश्यकतानुसार सेवानिवृत्त अफसरों की सेवाएं लेने के लिए संविदा पर रखने का प्रस्ताव बनाने के आदेश दिए हैं। इससे कंपनी को अफसरों का अनुभव मिलेगा और काम आसानी से होंगे, क्योंकि नए इंजीनियर को समझने और काम करने में वक्त लगता है।