एमसीए ने साथ ही यादव को उसकी प्रबंधन समिति के सामने हाजिर होने को कहा है। इसी कारण आने वाली विजय हजारे अंतर्राज्यीय एक दिवसीय टूर्नामेंट में मुंबई के इस पूर्व कप्तान का चयन समिति के फैसले पर निर्भर करता है।
संयुक्त सचिव उनमेश खानविल्कर के हवाले से लिखा है, ”खिलाडिय़ों को चयन को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देने की मनाही है। कल हमारी प्रबंधन समिति की बैठक है जहां हम चर्चा करेंगे की क्या करना है।
उन्होंने कहा, ”हमने उन्हें बुलाया है और उनसे लिखित जवाब भी मांगा है। कल मैंने उनसे 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा था। समिति उनके लिखित बयान पर विचार करेगी और फिर अपना फैसला लेगी।
खानविल्कर ने बताया कि सूर्यकुमार को पिछले साल भी रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में सलामी बल्लेबाज जय बिष्ठ को टीम के हटाने के फैसले पर ट्वीटर के जरिए अपनी असहमति जाहिर करने पर चेतावानी देकर छोड़ दिया गया था।
उन्होंने कहा, ”अभी तक हमने 14 खिलाडिय़ों को चुना है। क्रिकेट के लिए यह सही है। वह अच्छे खिलाड़ी हैं। लेकिन अनुशासन में न रहने का मामला है इसलिए हमने उनके चयन को रोक लिया है। बैठक में जो भी फैसला होगा उस पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। हम 15 खिलाड़ी चुनेंगे।
सूर्यकुमार पिछले कुछ वर्षों से लगातार विवादों में रहे हैं। उन्होंने 2014-15 सत्र के बीच में ही मुंबई टीम की कप्तानी छोड़ दी थी। उनके खिलाफ कई खिलाडिय़ों ने मैदान और ड्रेसिंग रुम में बुरे व्यवहार की शिकायत की थी।