ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एआईसीटीई) की अनुशंसा के बाद राज्य सरकार सरकारी इंजीनियरिंग व पोलिटेक्निक कॉलेजों को सातवें वेतनमान देने की घोषणा कर चुकी है मगर अनुदान प्राप्त ऑटोनोमस कॉलेजों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है। एसजीएसआईटीएस के फैकल्टी तकनीकी शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव से मिलकर कई बार अपनी मांग रख चुके है। उन्हें हर बार आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। इससे नाराज होकर अब फैकल्टी ने फैसला लिया कि वे नियमित रूप से क्लास में पढ़ाने तो जाएंगे लेकिन, चॉक का इस्तेमाल नहीं करेंगे। विद्यार्थियों को मौखिक रूप से ही पढ़ाया जाएगा। मालूम हो, एसजीएसआईटीएस की सेमेस्टर परीक्षाएं अप्रैल में प्रस्तावित है। फैकल्टी के विरोध के चलते परीक्षा तक कोर्स पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है।
टीचर्स एसोसिएशन के प्रो.बीआर रावत ने बताया, सरकार हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। इसके विरोध में ही हमें क्लासरूम में चॉक का इस्तेमाल नहीं करने का कदम उठाया पड़ा। सरकार का सकारात्मक रवैया नहीं होने पर उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना होगा।