सरकारी सॉफ्टवेयर खराब, पैसा जमा फिर भी वसूली का नोटिस
नोटिस के बाद पहुंच रहे कई कॉलोनाइजर व जमीन मालिक

इंदौर। डायवर्शन टैक्स की वसूली को लेकर जिला प्रशासन ने थोकबंद नोटिस जारी किए हैं। पिछले वर्षों का पैसा जमा कराने के बावजूद नोटिस मिलने पर कॉलोनाइजरों की जमीन हिल रही है। जब पता लगाया गया तो खुलासा हो रहा है कि सरकारी सॉफ्टवेयर ही खराब है जो खाता अपडेट नहीं कर रहा है। ३ साल से भू अभिलेख विभाग इस समस्या से जूझ रहा है।
प्रदेश में सबसे ज्यादा डायवर्शन टैक्स की वसूली हर साल इंदौर से ही होती है। ये भी कहा जा सकता है कि प्रदेश के बाकी जिलों के बराबर इंदौर खुद वसूली करके देता है। इसकी वजह भी है, क्योंकि यहां पर बड़े पैमाने विस्तार हुआ है और नई कॉलोनियां तैयार हुई हैं। इस बार इंदौर को १२५ करोड़ रुपए वसूली का लक्ष्य सरकार से मिला है। उसको लेकर भू अभिलेख विभाग ने थोकबंद नोटिस जारी किए हैं जिससे कॉलोनाइजर व अन्य जमीन मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है।
नोटिस में पिछले वर्षों का भी बकाया बताकर वसूली निकाली गई है जिसका पैसा वे पहले ही जमा करा चुके हैं। ऐसे कई पीडि़त सीधे क्षेत्र के आरआई और पटवारियों को फोन लगा रहे हैं। शिकायत दर्ज कराते हुए कहना है कि पिछले साल तो ऑनलाइन जमा कराया गया था उससे पहले चेक या चालान के माध्यम से जमा कराया जाता था।
हिसाब क्लीयर है तो बकाया क्यों बताया जा रहा है। इसको लेकर कुछ तो भू अभिलेख विभाग भी पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। तब खुलासा हो रहा है कि ३ साल से विभाग का साफ्टवेयर खराब है। उसकी वजह से नोटिस में पुराना बकाया भी सामने आ रहा है। इस पर हाथोहाथ पुरानी राशि को कम करके नई राशि जमा कराई जा रही है। गौरतलब है कि अब तक जिला प्रशासन ५० लाख रुपए जमा कर चुका है। २४ दिन शेष हैं जिसमें ज्यादा से ज्यादा राशि इक_ा करने के अफसरों ने निर्देश जारी किए हैं।
कुर्की का रहता है डर
भू अभिलेख विभाग जो नोटिस जारी करता है उसमें साफ कहा जाता है कि पैसा जमा नहीं करने की स्थिति में संपत्ति को कुर्क किया जा सकता है। ऐसे में हर वर्ष कई बड़े बकायादारों की संपत्ति भी जब्त की जाती है। इस साल भी ये सिलसिला जारी है। ऐसे में भारी भरकम रकम देखकर जमीन मालिक डर रहा है।
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