मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी का जबर्दस्त प्रकोप फैला जिससे बच्चे अनाथ हो गए. एमपी में ऐसे 423 बच्चे हैं जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई. प्रदेश में चूंकि इंदौर कोरोना का हाटस्पाट बना रहा इसलिए अनाथ हुए बच्चों में सर्वाधिक इंदौर जिले के हैं. जिले में ऐसे 51 बच्चे हैं जिनके सिर से कोराना ने माता—पिता का साया छीन लिया.

अब सरकार ने इन बच्चों की आर्थिक सुरक्षा की जिम्मेदारी ले ली है. इसके लिए बच्चों को केंद्र सरकार द्वारा 10-10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. बच्चों के खाते में ये राशि भेजी जाएगी. इसके लिए प्रशासन की ओर से बच्चों के खाते प्राधिकृत अधिकारी —एडीएम के साथ संयुक्त रूप से डाक विभाग में खुलवा दिए गए हैं. इन 51 बच्चों में से मापदंडों के मुताबिक इंदौर जिले में 29 बच्चे इस योजना में शामिल किए गए हैं.22 बच्चों को राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना में लाभान्वित किया जा रहा है. केंद्रीय विद्यालय में इन बच्चों की स्कूली शिक्षा मुफ्त होगी. कालेज में भी वे मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे. बच्चों का 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा भी कराया गया है.
अठारह वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद बच्चों के ये 10 लाख रुपये डाक विभाग की ही मासिक आय योजना एमआइएस में जमा कर दिए जाएंगे. यह राशि बाद में 23 वर्ष की आयु होने पर निकाली जा सकेगी.