ट्रक ऑपरेटरों द्वारा उठाया जाने वाला यह कदम आमआदमी की जेब पर भारी पडऩे वाला है, क्योंकि सब्जी, आलू, प्याज और किराना समेत जनता से जुड़ी कई चीजों का परिवहन ट्रक द्वारा ही होता है। अपनी मांगें मनती नहीं दिखने पर इंदौर ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन ने अपने सभी सदस्यों को भाड़ा बढ़ाकर लेने को कहा है इस पर अमल भी शुरू हो चुका है। मर्जी से भाड़ा बढ़ाने के मामले न तो जनप्रतिनिधि न ही परिवहन विभाग इस मामले की सुध ले रहा है।
रोजमर्रा की चीजों में 15-20 प्रतिशत होगी वृद्धि
आम आदमी की रोजमर्रा से जुड़ी चीजें का परिवहन ट्रक और अन्य बड़े लोडिंग वाहनों से होने से इसका सीधा असर माल की लागत पर पड़ेगा। अगर भाड़ा ज्यादा होगा तो सीधे माल की कीमत बढ़ेगी। अधिक मूल्य ग्राहक से ही वसूला जाएगा। बताया जाता है कि ऐसे में चीजों पर करीब 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी।
आम आदमी की रोजमर्रा से जुड़ी चीजें का परिवहन ट्रक और अन्य बड़े लोडिंग वाहनों से होने से इसका सीधा असर माल की लागत पर पड़ेगा। अगर भाड़ा ज्यादा होगा तो सीधे माल की कीमत बढ़ेगी। अधिक मूल्य ग्राहक से ही वसूला जाएगा। बताया जाता है कि ऐसे में चीजों पर करीब 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी।
भाड़े पर सरकार का हस्तक्षेप नहीं
जिस तरह से बसों का किराया सरकार की अनुमति से बढ़ाया जा सकता है उसी तरह ट्रक और अन्य लोडिंग वाहनों का भाड़ा निर्धारण सरकार ने अपने हाथ में नहीं ले रखा है इसी वजह से ट्रक ऑपरेटरों ने मर्जी से भाड़ा बढ़ा दिया है। इंदौर ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने बताया कि लंबे समय से मांग की जा रही है कि ट्रकों के भाड़े को भी नियमानुसार सरकार ही तय करें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। डीजल-पेट्रोल, ट्रकों के टॉयर और ऑटो पार्टस की कीमतेें आसमान छू रही है। ऐसे में व्यापार करना मुश्किल हो चला है। हमारे पास 30 प्रतिशत भाड़ा बढ़ाना ही एक मात्र विकल्प बचा है।
जिस तरह से बसों का किराया सरकार की अनुमति से बढ़ाया जा सकता है उसी तरह ट्रक और अन्य लोडिंग वाहनों का भाड़ा निर्धारण सरकार ने अपने हाथ में नहीं ले रखा है इसी वजह से ट्रक ऑपरेटरों ने मर्जी से भाड़ा बढ़ा दिया है। इंदौर ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने बताया कि लंबे समय से मांग की जा रही है कि ट्रकों के भाड़े को भी नियमानुसार सरकार ही तय करें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। डीजल-पेट्रोल, ट्रकों के टॉयर और ऑटो पार्टस की कीमतेें आसमान छू रही है। ऐसे में व्यापार करना मुश्किल हो चला है। हमारे पास 30 प्रतिशत भाड़ा बढ़ाना ही एक मात्र विकल्प बचा है।
- ट्रकों के भाड़े को लेकर परिवहन विभाग के नियमों को दिखवाया जाएगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सपना जैन, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर
सपना जैन, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर