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जीएसटी काउंसिल ने कानून में किया संशोधन

locationइंदौरPublished: Dec 04, 2019 01:49:57 am

Submitted by:

shatrughan gupta

कारोबारियों ने कहा, नए कानून से अटकेगी करोड़ों की इनपुट टैक्स क्रेडिट, राहत की मांग।

जीएसटी काउंसिल ने कानून में किया संशोधन

जीएसटी काउंसिल ने कानून में किया संशोधन

इंदौर. जीएसटी काउंसिल द्वारा आइटीसी देने के नियमों में किए गए संशोधन से छोटे कारोबारियों की मुश्किल बढऩे वाली है। अभी तक प्रोविजनल आधार पर आइटीसी लिया जाता था। अब इसकी लिमिट बनाने से छोटे कारोबारियों की राशि उलझ सकती है। देवी अहिल्या चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कानून में किए गए बदलाव को व्यावहारिक बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा, व्यापारियों का विरोध आइटीसी की धोखाधड़ी रोकने के लिए किए गए उपायों से नहीं है। प्रक्रिया को व्यावहारिक बनाने से छोटे कारोबारियों की पूंजी का उपयोग व्यापार के लिए होता रहेगा।
चैंबर्स के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल और सुशील सुरेका ने बताया, अब तक व्यापारी पूरा आइटीसी रिटर्न ले लेता था। अब इसमें बदलाव कर जितना जीएसटी भरा गया है उसी अनुपात में आइटीसी देने का नियम बनाया गया है। यानी रिसीवर को सप्लायर द्वारा भरे गए रिटर्न के आधार पर ही एक लिमिट में राशि मिलेगी। उन्होंने बताया, करदाता आइटीसी लेकर टैक्स का भुगतान करता था। नए प्रावधान के अनुसार प्रत्येक माह के लिए करदाता को उसके फॉर्म 2 (सप्लायर द्वारा दाखिल जीएसटीआर-1 के आधार पर बनता है) में दिख रही इनपुट टैक्स क्रेडिट से 20 प्रतिशत अधिक नहीं ली जा सकेगी। इससे जिन सप्लायर द्वारा रिटर्न फाइल नहीं किए गए हैं, उनकी के्रडिट रिसीवर को नहीं मिल सकेगी। इस प्रक्रिया में बड़ी पूंजी ब्लॉक होने की संभावना रहेगी। उन्होंने कहा, इसकी प्रक्रिया में सुधार होना चाहिए, क्योंकि अनेक मामलों में टैक्स भुगतान के बाद भी क्रेडिट नहीं मिल सकेगी। अतिरिक्त खर्च भी बढ़ेगा। काउंसिल से बार-बार आग्रह के बाद भी प्रयोग कम नहीं किए जा रहे हैं।
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