बाजार में अक्टूबर अंत तक कारोबार से मिलने वाले टैक्स के आंकड़े देखें तो पता चलता है, सरकार और कारोबारी दोनों फायदे में हैं। सरकार की आय में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। यानी प्रदेश में वस्तुओं की बिक्री लगातार बढ़ रही है। यह स्थिति उस समय है जब जीएसटी लागू करने के बाद 30 प्रतिशत से अधिक कारोबारियों ने कर का भुगतान ही नहीं किया।
आंकड़े से हुआ खुलासा
वाणिज्यिक कर विभाग के अक्टूबर तक के कर का विश्लेषण से यह खुलासा हुआ। पिछले साल इस अवधि में 13331 करोड़ की राशि मिली थी, जबकि इसी अवधि में इस बार 16100 करोड़ की राशि मिली है। जीएसटी काउंसिल ने प्रदेश के लिए वैट से मिलने वाली राशि को आनुपातिक रूप से बढ़ाकर हर माह 1664 करोड़ रुपए तय किया है। इससे कम राशि मिलने पर सरकार कंपनसेशन राशि देगी। अधिक मिलने पर एडजस्ट करेगी। जुलाई में केंद्र की ओर से ४३३ करोड़ रुपए समायोजन राशि मिली थी। अगस्त-सितंबर के लिए 910 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं।
जीएसटी स्टेट जीएसटी और सीजीएसटी में बंटता है। एक हिस्सा आईजीएसटी का होता है। राज्य कर आयुक्त राघवेंद्र सिंह ने कहा, आईजीएसटी का प्रतिशत बढऩा अच्छे संकेत हैं। स्थितियां सुधर रही हैं। उम्मीद है, आगे और अधिक टैक्स मिलेगा।
वाणिज्यिक कर विभाग के अक्टूबर तक के कर का विश्लेषण से यह खुलासा हुआ। पिछले साल इस अवधि में 13331 करोड़ की राशि मिली थी, जबकि इसी अवधि में इस बार 16100 करोड़ की राशि मिली है। जीएसटी काउंसिल ने प्रदेश के लिए वैट से मिलने वाली राशि को आनुपातिक रूप से बढ़ाकर हर माह 1664 करोड़ रुपए तय किया है। इससे कम राशि मिलने पर सरकार कंपनसेशन राशि देगी। अधिक मिलने पर एडजस्ट करेगी। जुलाई में केंद्र की ओर से ४३३ करोड़ रुपए समायोजन राशि मिली थी। अगस्त-सितंबर के लिए 910 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं।
जीएसटी स्टेट जीएसटी और सीजीएसटी में बंटता है। एक हिस्सा आईजीएसटी का होता है। राज्य कर आयुक्त राघवेंद्र सिंह ने कहा, आईजीएसटी का प्रतिशत बढऩा अच्छे संकेत हैं। स्थितियां सुधर रही हैं। उम्मीद है, आगे और अधिक टैक्स मिलेगा।
फिर भी स्थिति बेहतर
सरकार राजस्व के मामले में बेहतर स्थिति में है, जीएसटी लागू होने के बाद से विभाग की प्रक्रिया में कई बदलाव आए हैं।
फॉर्म-49 और जांच चौकियां समाप्त होने के बाद सारा मामला व्यापारियों की जानकारियों के भरोसे पर ही है।
बीते तीन माह में कर जमा करने वालों की संख्या में भी कमी आई। जुलाई में तो लोग कर प्रारूप ही नहीं समझ सके। अगस्त-सितंबर में रजिस्ट्रेशन की मुश्किलों ने कारोबारियों को परेशान कर दिया।
सरकार राजस्व के मामले में बेहतर स्थिति में है, जीएसटी लागू होने के बाद से विभाग की प्रक्रिया में कई बदलाव आए हैं।
फॉर्म-49 और जांच चौकियां समाप्त होने के बाद सारा मामला व्यापारियों की जानकारियों के भरोसे पर ही है।
बीते तीन माह में कर जमा करने वालों की संख्या में भी कमी आई। जुलाई में तो लोग कर प्रारूप ही नहीं समझ सके। अगस्त-सितंबर में रजिस्ट्रेशन की मुश्किलों ने कारोबारियों को परेशान कर दिया।
सरकार के नकद टैक्स स्रोत पेट्रोलियम प्रोडक्ट की बढ़ती कीमतों को संतुलित करने के लिए पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाया गया। इससे अक्टूबर में इनसे मिलने वाले टैक्स में 100 करोड़ से अधिक की गिरावट आई।
जुलाई में 76, अगस्त में 63 और सितंबर में 53 प्रतिशत लोगों ने ही जीएसटी रिटर्न भरे हैं।
जुलाई में 76, अगस्त में 63 और सितंबर में 53 प्रतिशत लोगों ने ही जीएसटी रिटर्न भरे हैं।