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जीएसटी- तारीखें बढ़ाने से समस्या हो रही और जटिल, 45 प्रतिशत ने ही भरा कर

locationइंदौरPublished: Nov 01, 2017 10:15:44 am

कारोबारी सरकार द्वारा दी जा रही राहत पर सकारात्मक रुख नहीं रख रहे हैं। तीन माह से मामला एेसे ही उलझा हुआ है।

इंदौर. जीएसटी को लेकर वाणिज्यिक कर विभाग की उलझनें बढ़ती जा रही हैं। सितंबर में ४५ प्रतिशत कारोबारियों ने अनुमानित कर भरा है। इससे सरकार की चिंता बढऩे लगी है। बीते सालों के वैट मामले भी लंबित होने से सरकार को कर राशि मिलने में मुश्किल आ रही है। प्रदेश में बन रहे इस माहौल को लेकर विभाग अब अघोषित रूप से जागरूकता अभियान चला रहा है।
कारोबारी सरकार द्वारा दी जा रही राहत पर सकारात्मक रुख नहीं रख रहे हैं। तीन माह से मामला एेसे ही उलझा हुआ है। व्यापारी अक्टूबर समाप्ति पर सितंबर का ही अनुमानित जीएसटी भरने की स्थिति में नहीं हैं। सोमवार को सरकार ने जीएसटीआर-२ की तिथि बढ़ा दी। एेसे ही कुछ और फॉर्म की तिथि को बढ़ाया गया है। इस पर टैक्स प्रैक्टिशनर्स व व्यापारियों का कहना है, तारीख बढ़ाने से समस्या समाप्त नहीं होगी। प्रक्रिया सरल करने की जरूरत है।
वैट रिटर्न तिथि बढ़ाने की मांग- जीएसटी के कारण बीते साल के वैट रिटर्न का असेसमेंट, ऑडिट प्रक्रियाएं लंबित हो रही हैं। कारोबारियों को १५ नवंबर तक वैट ऑडिट रिपोर्ट समिट करना है। जीएसटी और आयकर के कारण अभी इस संबंध में काफी काम होना है। आयकर विभाग द्वारा तिथि सितंबर से बढ़ाकर अक्टूबर तक की गई थी। मप्र टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के अश्विन लखोटिया और सीपीटीए के एके गौर ने इसे ३१ दिसंबर तक बढ़ाने की मांग की है। साथ ही १ करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर होने पर रिवाइज रिटर्न की अंतिम तिथि भी ३१ अक्टूबर है। इसे भी बढ़ाया जाना चाहिए।
अब तक नहीं हुई बैठक, सीएस को पेश होने के आदेश

कान्ह नदी शुद्धिकरण को लेकर एनजीटी में दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को भोपाल में सुनवाई हुई। कोर्ट ने शुद्धिकरण को लेकर किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग मुख्य सचिव को सौंपी थी। आदेश दिए थे कि वे जल संसाधन विभाग, टीएंडसीपी, नगरीय प्रशासन विभाग, नगर निगम, आईडीए, प्रदूषण नियंत्रण विभाग व प्रशासन के जिम्मेदारों के साथ बैठक कर समीक्षा करें और टाइम बाउंड प्रोग्राम बना कर पेश करें। नगर निगम की ओर से पैरवी कर रहीं एडवोकेट स्वाति मेहता के मुताबिक २१ सितंबर को दिए गए आदेश के बाद अब तक कोई भी बैठक नहीं हुई है। इसके चलते कोर्ट ने १५ सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई में मुख्य सचिव को कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
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