आरटीओ ने बताया कि पिछले १० दिनों में यह दूसरी बार हुआ है। यहां काम कर रहे कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। इसको लेकर आज एसपी से मिलने जा रहे हैं। यहां हम या तो पीसीआर वैन खड़ी करने की मांग करेंगे या फिर एक चार की गार्ड लगाने काकहेंगे। जिस तरह से कल का घटना क्रम हुआ है उससे आशंका है कि किसी भी दिन आरटीओ में बड़ा विवाद हो सकता है।
यह पूरे विवाद की कहानी दरअसल इस विवाद के पीछे यहां होने वाले काम हैं। लाइसेंस, फिटनेस, रजिस्ट्रेशन के काम के बदले आरटीओ में एजेंट द्वारा तय फीस से चार गुना तक अधिक पैसा लिया जाता है। इस रुपए में सभी की हिस्सेदारी होती है, लेकिन कुछ एजेंट पूरा पैसा खुद रखकर काम करवाना चाहते हैं। इसी को लेकर विवाद होता है। बाबू आरपी गौतम के पास ५० से अधिक एवजी लोगों की फौज है जो मुख्य रूप से लाइसेंस और फिटनेस शाखा का काम देखते हैं। वहीं पटेल ग्रुप के लोग भी यही काम करना चाहते हैं। सोमवार को विवाद की वजह भी यही रही है। तेजाजी नगर पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने को लेकर गांव की ओर से अफसर पटेल ने बताया कि बाबू गौतम ने १५० लोगों को बंदूक लेकर बुलाया था। यहां गांव के कुछ लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए काम करना चाहते हैं, लेकिन बाबू काम नहीं करने देता है। बाबू का कई बार ट्रांसफर भी हो चुका है, लेकिन बार-बार इंदौर आ जाता है। इस मामले में परिवहन मंत्री से मिलकर शिकायत करेंगे।