चाइल्ड लाइन की टीम ने रहवासियों की सूचना पर शनिवार रात करीब 9 बजे पाटनीपुरा शराब की दुकान के पास से 8-9 साल की बच्ची को बरामद किया। कोऑर्डिनेटर राहुल गोठने के मुताबिक, काउंसलर मंजू चौधरी, मोनिका वाघाये एवं नरेंद्र राजपूत ने बच्ची से बात की। वह बेहद डरी हुई थी और उसके शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे। टीम उसे लेकर एमआइजी थाने पहुंची और वहां से मेडिकल के लिए एमवायएच अस्पताल भेजा गया। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष भी अस्पताल पहुंची और बच्ची से बात की।
बालिका से चर्चा में पता चला कि उसकी मां का निधन हो गया है, पिता वाराणसी में रहते हैं। मां के निधन के बाद पिता ने बच्ची को उसके मामा-मामी को सौंप दिया। वे उसे नेहरू नगर में साथ ले आए। मामा-मामी की कोई संतान नहीं है। मामा छोटा काम करता है।
भूखा रहा, गर्म वस्तु से जला दिया पता चला कि मामी मासूम बच्ची से बर्बरता करते हुए मारपीट करती है। कई बार पड़ोसियों ने बच्ची से मारपीट करने पर उसे रोका भी लेकिन वह नहीं मानी। बच्ची से घर का काम कराती और गलती होने पर बेरहमी से पीटती। मामी कई बार पीटने के साथ ही बच्ची के बाल तक उखाड़ देती थी जिसके निशान भी सिर पर नजर आ रहे हैं। इसके बाद भी वह नहीं मानी और उसने बर्बरता जारी रखते हुए कई बार बच्ची को जला भी दिया। गले व गुप्तांग के पास भी जलने के निशान थे।
मामी के घर के आसपास के रहवासी भी बच्ची के साथ मारपीट करने वाले मामा-मामी के खिलाफ थाने पहुंचे और आक्रोश जाहिर किया। बच्ची के साथ हुई बर्बरता के निशान देखकर पुलिस ने तुरंत मामी को हिरासत में लिया, मामा की भूमिका की तलाश की जा रही है। बच्ची का एमवायएच अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने मारपीट व धमकी की धाराओं में केस दर्ज किया।