दरअसल, उन्हें शुक्रवार को किसी ने सांप पकड़ने के लिए बुलाया था। इसके बाद वे घर से तुरंत रवाना हो गए। जब वे वहां पहुंचे तो सांप दिखाई दिया। पकड़ने के दौरान थोड़ी सी असावधानी के कारण सांप ने उन्हें डस लिया। बताते हैं कि अशोक ने इसे गंभीरता से नहीं लिया यही उनकी पहली गलती थी। इसके बाद दूसरी गलती उन्होंने यह की कि उन्होंने खुद अपना इलाज किया। यहां भी वे नहीं माने और अस्पताल जाने के बजाय घर चले गए। घर पहुंचने के कुछ ही देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जब वे घबराने लगे और उन्हें सांस लेने में भी परेशानी होने लगी तो परिजन उन्हें तत्काल एमवायएच अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उनका इलजा शुरू तो कर दिया लेकिन वे उन्हें बचा नहीं सके। आखिरकार सांपों से कई लोगों को बचाने वाले अशोक की सर्पदंश से ही मौत हो गई।