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‘पेमेंट’ मांगते हेड कॉन्स्टेबल का ऑडियो वायरल, एसएसपी ने किया लाइन अटैच

locationइंदौरPublished: Jul 19, 2019 11:55:23 am

Submitted by:

Manish Yadav

निजी स्कूली वाहनों से वसूली के लगे आरोप, एसएसपी से मिले पीडि़त

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‘पेमेंट’ मांगते हेड कॉन्स्टेबल का ऑडियो वायरल, एसएसपी ने किया लाइन अटैच

इंदौर @न्यूज टुडे ।
ट्रैफिक थाने में पदस्थ हेड कॉन्स्टेबल का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें गाड़ी वाले से रुपयों को लेकर उसकी बात हो रही है। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद उसे ट्रैफिक से हटाकर लाइन भेज दिया है।
पूर्वी क्षेत्र ट्रैफिक थाने में पदस्थ हेड कॉन्स्टेबल प्रकाश कांगले का ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक स्कूली वाहन चालक से रुपयों को लेकर बातचीत कर रहा है। पहले तो वह उससे पेमेंट के बारे में पूछता है। इस पर ड्राइवर पालकों के द्वारा पेमेंट नहीं मिलने की बात कहता है। इस पर 10 तारीख हो जाने के बाद भी उसके द्वारा पेमेंट नहीं करने को लेकर प्रकाश ने नाराजगी जताई। जब गाड़ी वाले ने पेेमेंट नहीं मिलने की बात कही तो गाड़ी बंद करने की बात भी इस बातचीत में है। इतना ही नहीं, उसकी लोकेशन पूछकर मिलने के लिए निरंजनपुर के आसपास बुलाया।
गाडिय़ां बंद करने की धमकी भी दे रहा
इस ऑडियो के वायरल होने के बाद एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र से भी इसकी शिकायत की गई है। शिकायत में ये भी आरोप लगाए हैं कि एक गाड़ी वाले से हजार रुपए महीना मांगे जा रहे हैं। इस तरह हजारों की वसूली के आरोप लगे हैं। रुपए नहीं देने पर कार्रवाई कर गाडिय़ों को बंद कर देने की भी बात कही गई है। इन आरोपों के बाद एसएसपी के निर्देश पर लाइन में भेज दिया गया है। डीएसपी संतोष उपाध्याय ने प्रकाश के लाइन भेजे जाने की पुष्टि की है। कारण क्या रहा, इस पर नहीं बोले हैं।
मिल रही धमकी
एसएसपी ऑफिस में कल शिकायतकर्ता स्कूली वैन ड्राइवरों को बयान के लिए बुलाया गया था। बयान देने के लिए आए स्कूल वाहन के ड्राइवरों ने बताया कि इस शिकायत करने के बाद प्रकाश पर तो कार्रवाई हो गई, लेकिन उन्हें लगातार दूसरे पुलिसकर्मियों से धमकी मिल रही है। उन्हें धमकाया जा रहा है कि अगर शिकायत वापस नहीं ली तो गाड़ी नहीं चलाने देंगे। किस-किस के पास जा रहा था पैसाफिलहाल प्रकाश को तो लाइन अटैच कर दिया गया है। वहीं विभागीय तौर जांच भी की जा रही है, लेकिन इस बात की चर्चा पूरे विभाग में है कि अकेला प्रकाश ही तो सारा रुपया अपने पास नहीं रखता। वह रुपया आगे तक भी पहुंचा रहा होगा। वसूली करने वाले पर तो कार्रवाई हो गई, लेकिन जिन्हें यह रुपए मिलते थे वह तो साफ तौर पर बच जाएंगे।
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हजार रुपए लेकर सौ की रसीद देते
स्कूली वाहन चलाने वालों ने हाल ही में गठित हुई उनकी एसोसिएशन पर भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एसोसिएशन के माध्यम से हर स्कूली वैन से एक हजार रुपए माह लिया जाता है। इसके बदले में १०० रुपए की एक रसीद दी जाती है। किसी-किसी को रसीद भी नहीं मिलती है। इस रसीद के अलावा स्टीकर भी दिए गए हैं। स्टीकर लगी गाडिय़ों की पुलिस भी चेकिंग नहीं करती। जिन गाडिय़ों पर स्टीकर नहीं हैं और उसके पास अगर रसीद है तो पहले तो उसका चालान नहीं बनेगा, लेकिन अगर बन भी जाए तो गाड़ी के कागजात वापस मिल जाते हैं। जो यह रसीद नहीं कटवाता है, उसके साथ मारपीट भी की जा रही है।
हम नहीं, आरोप लगाने वाले कर रहे थे वसूली
एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश शाक्य ने बताया कि हम नहीं, आरोप लगाने वाले वसूली किया करते थे। एसोसिएशन बनने से उनकी वसूली बंद हो गई। इसके चलते गलत आरोप लगा रहे हैं। हम सभी बुजुर्ग पदाधिकारी हैं। हमारे ऊपर मारपीट किए जाने की शिकायत की जा रही है, जबकि उल्टा हमारे साथ मारपीट की गई और धमकाया जा रहा है। इसकी सारी रिकॉर्डिंग हमारे पास मौजूद है। इसे लेकर पुलिस के पास जाएंगे।

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