मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को सुबह से ही तेज तपन का असर रहा। एक दिन पहले हुई बारिश के कारण उमस हो रही थी। जैसे-जैसे सूरज चढ़ता गया, वातावरण से नमी गायब होती रही। हवाएं भी शुष्क होने से दोपहर में तपन तेज लग रही थी। शाम को भी तापमान में गिरावट नहीं हुई। रात 10 बजे के बाद लोगों को कुछ राहत मिली। अभी मौसम इसी तरह का बना रहेगा। दक्षिण-पश्चिम मानसून जल्द आने के संकेत भी मिलने लगे हैं।
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मानसून पूर्व साफ नहीं हुई स्ट्राम वाटर लाइन, मानसून आने में महज 10 दिन है, लेकिन शहर सरकार ने बरसात के पानी को निकालने की कोई पहल ही नहीं की है। शहर की मुख्य सडक़ों पर नगर निगम ने स्ट्राम वाटर लाइन तो डाली है, लेकिन उनकी सफाई अभी तक नहीं हुई है। रविवार को पहली बारिश में ही शहर की सभी प्रमुख सडक़ों पर पानी भराया। हर बार नगर निगम मानसून आने के एक माह पहले से जोनल कार्यालयों को उनके क्षेत्र में आने वाली सभी लाइनों को साफ करने के लिए आदेश जारी होते हैं।
मानसून पूर्व साफ नहीं हुई स्ट्राम वाटर लाइन, मानसून आने में महज 10 दिन है, लेकिन शहर सरकार ने बरसात के पानी को निकालने की कोई पहल ही नहीं की है। शहर की मुख्य सडक़ों पर नगर निगम ने स्ट्राम वाटर लाइन तो डाली है, लेकिन उनकी सफाई अभी तक नहीं हुई है। रविवार को पहली बारिश में ही शहर की सभी प्रमुख सडक़ों पर पानी भराया। हर बार नगर निगम मानसून आने के एक माह पहले से जोनल कार्यालयों को उनके क्षेत्र में आने वाली सभी लाइनों को साफ करने के लिए आदेश जारी होते हैं।
सीएम कमलनाथ ने घोषणा की थी इन कॉलोनियों को वैध करने की, आज फिर हैं संकट में स्वच्छता सर्वे की प्रमुख शर्त होने के चलते इसके लिए नगर निगम ने स्थाई आदेश भी जारी किए हुए हैं। उसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते न सिर्फ बीआरटीएस, बल्कि मधुमिलन चौराहा, डीआरपी चौराहा, सपना संगीता रोड सहित शहर की कई मुख्य सडक़ पर भी बरसात का पानी जमा हो गया था। वहीं निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी के मुताबिक स्ट्राम वाटर लाइन सफाई के लिए हमने आदेश जारी कर दिए हैं, कई जगह पर सफाई का काम चल भी रहा है, हम इसी सप्ताह पूरे शहर की लाइन सफाई का काम पूरा कर लेंगे।
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रविवार को पहली बारिश से शहर के कई इलाकों में ब्लैक आउट जैसी स्थिति बन गई। चार घंटे तक बिजली गुल होने से जनता बिजली कंपनी और सरकार को कोसती नजर आई। चरमराई स्थिति को भांपते हुए खुद अधिकारियों को मैदान पकडऩे के लिए मजबूर होना पड़ा। एक ही दिन में 2800 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई। 1912 और हेल्प डेस्क भी फैल साबित हुई। पहली बारिश के बाद शहर को चार से पांच घंटे तक अंधेरे में और गर्मी में तड़पने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
रविवार को पहली बारिश से शहर के कई इलाकों में ब्लैक आउट जैसी स्थिति बन गई। चार घंटे तक बिजली गुल होने से जनता बिजली कंपनी और सरकार को कोसती नजर आई। चरमराई स्थिति को भांपते हुए खुद अधिकारियों को मैदान पकडऩे के लिए मजबूर होना पड़ा। एक ही दिन में 2800 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई। 1912 और हेल्प डेस्क भी फैल साबित हुई। पहली बारिश के बाद शहर को चार से पांच घंटे तक अंधेरे में और गर्मी में तड़पने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
बिजली कंपनी के एमडी विकास नरवाल ने रविवार को आपूर्ति प्रभावित होने के संबंध में सभी 15 जिलों के अफसरों को सोमवार को बैठक लेकर चेताया है। कामकाज में तत्काल सुधार की आवश्यकता जताई है। नरवाल ने बताया, रविवार को तेज आंधी व वर्षा से इंदौर शहर मे व्यवस्थाएं ज्यादा प्रभावित हुई थीं। इसके बाद कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे, गजरा मेहता ने इंदौर जिले के बिजली अधिकारियों की मिटिंग भी ली। व्यवस्थाएं तत्काल सुधार पर योजना बनाकर अमल प्रारंभ कराया गया।